एडीआर की ताजा रिपोर्ट ने बीजेपी को मिले चंदे पर सवाल खड़े किये हैं। एडीआर ने इस रिपोर्ट में पार्टी को पिछले 4 सालों में मिलने वाले चंदे का विश्लेषण किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक़, बीजेपी को मिलने वाले चंदे में से बड़ा हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आया था। जिसका मतलब है की पार्टी को किसने कितना चंदा दिया है, इसकी कोई जानकारी सार्वजानिक नहीं है। इन स्रोतों का पैन, आधार या निवास का ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
गौरतलब है कि सभी राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से ऊपर चंदा देने वाले स्रोतों का ब्योरा हर साल चुनाव आयोग को देना होता है। पिछले चार सालों में तीन हजार से ज्यादा दान “अज्ञात स्रोत” से मिला है।
बता दें कि बीजेपी को इन सालों में करीब 159 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोत से मिले हैं।
देश की 5 सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम) में कार्पोरेट कंपनियों से सबसे अधिक 705.81 करोड़ रुपये चंदा बीजेपी को मिला है। वही दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही जिसे इस दौरान 198 करोड़ रुपये कार्पोरेट कंपनियों से मिला।
सीपीआई और सीपीएम को कार्पोरेट कंपनियों सबसे कम क्रमशः चार और 17 प्रतिशत चंदा मिला। एडीआर के अनुसार बसपा ने चुनाव आयोग को बताया कि उसे वित्त वर्ष 2012-13 से 2015-16 के बीच 20 हजार रुपये से अधिक चंदा किसी से नहीं मिला।