नोटबंदी की नाकामयाबी को छुपाने की BJP आईटी सेल की चाल, नोबेल विजेता का ट्वीट ग़लत तरीके से इस्तेमाल किया

जब नोटबंदी की वजह से जीएसटी में भारी गिरावट दर्ज की जा रही थी और दुनिया भर के मशहूर अर्थशास्त्री नोटबंदी को सरकार द्वारा उठाया गया एक ग़लत कदम बता रहे थे, उस वक्त मोदी सरकार देश भर में इसके फायेदे गिनाने में जुटी थी। बीजेपी का आईटी सेल भी नोटबंदी के गुणगान के नए-नए तरीके खोजने में जुटा था।

नोटबंदी को लेकर चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रही सरकार को बचाने में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड थेलर के एक ट्वीट ने संजीवनी बूटी का काम किया। बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने थेलर के उस ट्वीट को खूब वायरल किया, जिसमें उन्होंने 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने का समर्थन करते हुए कहा था कि यह कैशलेस की ओर पहला कदम है और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए अच्छी शुरुआत है।

थेलर के इस ट्वीट को बीजेपी समर्थकों ने खूब रिट्वीट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शान में खूब कसीदे गढ़े। बीजेपी के कई नेताओं ने भी इस ट्वीट को बिना जाने ही रिट्वीट करना शुरु कर दिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ, केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल और भी कई नेताओं ने इस ट्वीट को फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लेकिन जब थेलर के उसी ट्वीट पर लोगों ने कमेंट कर उनसे 2000 के नोट शुरु किए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा अगर सच में ऐसा है तो यह बुरा है। उन्होंने साफ तौर पर 500 और 1000 के नोटों को बंद कर 2000 के नोटों को चलन में लाने को ग़लत कदम बताया।

उनके ट्वीट और कमेंट ने यह साफ कर दिया कि वह लेस कैश इकोनॉमी के समर्थक तो हैं लेकिन बड़ी नोटों को चलन में लाने के समर्थक नहीं। लेकिन उनके इस ट्वीट के मतबल को जाने बग़ैर ही पीएम मोदी के समर्थकों ने इसे नोटबंदी की कामयाबी के रूप में पेश किया।