एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के चंद्रयान गुट्टा से विधायक हैं। वह इस सीट से चार बार विधायक बन चुके हैं।
उन्हें आगामी चुनाव में हराने के लिए भाजपा ने एक खास योजना बनाई है। भाजपा ने इस सीट से मुस्लिम सामाजिक और एबीवीपी कार्यकर्ता शहजादी सैयद को टिकट दिया है। इस सीट को एआईएमआईएम का गढ़ माना जाता है।
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जहां बहुत से लोगों को लगता है कि 26 साल की शहजादी सैयद के लिए यहां जीत हासिल कर पाना मुश्किल होगा। वहीं सैयद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां रहने वाले मुस्लिम बदलाव चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि मुस्लिम अब धर्म से आगे बढ़ गए हैं और वह रोजगार और विकास के लिए वोट करेंगे। उन्होंने कहा, ‘एआईएमआईएम पिछले कुछ दशकों में नौकरी और विकास देने में असफल रही है। मेरे जीतने के अच्छे अवसर हैं।’
सैयद ने ओस्मानिया विश्वविद्यालय (ओयू) से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। वह अदिलाबाद जिले की रहने वाली है लेकिन 2004 में ओयू में एडमिशन लेने के बाद हैदराबाद आ गईं। उन्होंने कहा, ‘2009 में अलग राज्य की मांग के लिए शुरू हुए आंदोलन के दौरान मैं छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रही।
मैं एबीवीपी का हिस्सा रही हूं। मुझे लगता है कि यह बहुत प्रगतिशील और गणतांत्रिक छात्र संगठन है और उनके राष्ट्रवाद के विचार मुझे अच्छा लगा। मैंने एबीवीपी में काई पदों पर काम किया है।’
7 अक्तूबर को भाजपा में शामिल होने से पहले सैयद एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य थीं। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम भाजपा को हिंदू पार्टी समझने की गलती करते हैं। मुझे लगता है कि यह धर्म निरपेक्ष और गणतांत्रिक पार्टी है।
मुस्लिमों को भी यह अहसास होने लगा है। जब मैं भाजपा में शामिल हुई तो बहुत से मुस्लिमों ने मुझे बधाई दी। इसी पार्टी ने एक मुस्लिम डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को देश के राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया था।
मुख्तार अब्बास नकवी और सिकंदर बख्त जैसे प्रमुख नेता भाजपा के साथ हैं। मुझे लगता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान 4 प्रतिशत मुस्लिमों ने भाजपा को वोट दिया था।’