शिवसेना ने केंद्र सरकार की दिन प्रतिदिन बदलती निती पर बड़ा सवाल उठाया है। उनहोंने अपने ही सहयोगी पार्टी भजपा पर हमला बोलते हुए दावा किया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने गुजरात चुनाव में हार से बचने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती की है। उनहोंने भाजपा को किसी भी मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने और प्रचार पाने में माहिर करार दिया।
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मुखपत्र सामना में उनहोंने कहा कि अगर किसी भी मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाना है तो इन लोगों से सीखें क्योंकि ऐसा करने में वे विशेषग्य हैं।
ख़बर के मुताबिक, शिवसेना ने कहा कि वह सरकार अब क्यों झुक गई जिसने यह कहा था कि वह जीएसटी पर समझौता नहीं करेगी और विरोध को नजरअंदाज करती रहेगी। उनहोंने कहा कि इसका बहुत ही सरल दृश्य आपके सामने है, जिन्हें गुजरात चुनावों में जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनहोंने दावा किया कि भाजपा नेताओं को गांवों में घुसने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें संवाददाता सम्मेलन नहीं करने दिए जा रहे हैं तथा उनके पोस्टरों को भी हटाया जा रहा है।
उनहोंने जीएसटी पर बोलते हुए कहा कि जीएसटी से महंगाई बढ़ी है और आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। जीएसटी ने गरीब लोगों और छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ कर रख दी है। इससे देश में गुस्सा बढ़ा है। गुजरात में छोटे कारोबारी के सड़कों पर उतरने से उन पर लाठियों की बरसात की गई। शिवसेना ने दावा किया, इन लाठियों के परिणाम के डर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को जीएसटी के मुद्दे पर झुकना पड़ा।
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं और कारोबारियों को राहत प्रदान करने के क्रम में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में अब तक के सबसे बड़े बदलाव के तहत 10 नवंबर को 200 से अधिक वस्तुओं पर कर दरों में कटौती कर दी गई।