कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा की आकांक्षाओं को तगड़ा झटका लगा है। वह लगातार राज्य के मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं। इसके कारण कई बार उनपर राज्य की सत्ता पर आसीन कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर को अस्थिर करने के आरोप लग चुके हैं।
हालांकि अब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से सख्त निर्देश मिला है कि वह सरकार को अस्थिर करने की कोशिश न करें।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली से रवाना हुए येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, ‘पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश न की जाए।
यह फैसला हो चुका है कि भाजपा गठबंधन सरकार को गिराने की कोई कोशिश नहीं करेगी।’ येदियुरप्पा ने आगे कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद गुरुवार को हुई मुलाकात के दौरान यह साफ संदेश दिया है।
येदियुरप्पा ने गठबंधन के सहयोगियों से राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा और यह साफ किया कि उनकी पार्टी सरकार को अस्थिर करने के लिए कोई कोशिश नहीं करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक नेता ने खुद चार नेताओं को भाजपा के पास भेजा था ताकि गठबंधन सरकार को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘प्रथम दृष्ट्या यह खेल सिद्धारमैया का लग रहा है और इसे भाजपा के खर्च पर नहीं खेला जाएगा।’
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी को सत्ता में आने की कोई जल्दी नहीं है। राज्य इकाई के पास जिम्मेदार विपक्षी पार्टी के तौर पर कार्य करने की सभी क्षमताएं मौजूद हैं।
हालांकि उन्होंने मध्यावधि चुनाव की आशंका से पूरी तरह इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय मध्यावधि चुनाव को लेकर अटकलें नहीं लगाना चाहता।’ पार्टी के सूत्रों का कहना है कि येदियुरप्पा के बयान बताते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व राज्य में सरकार बनाने को लेकर चिंतित नहीं है।