‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ बनाने की बात करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता पनामा लीक में फंसे, ED ने की पूछताछ

भ्रष्टाचार मुक्त भारत का दम भरने वाली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का नाम पनामा पेपर्स लीक में सामने आया है। इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीजेपी नेता से पूछताछ की।

बुधवार को ईडी के दफ्तर में बीजेपी नेता शिशिर बजोरिया से करीब आधे घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद बजोरिया ने सफाई देते हुए कहा, ‘मुझसे जो पूछताछ की गई वो जांच का हिस्सा था। मेरे भाजपा में होने का ये मतलब नहीं है कि एजेंसी मुझसे पूछताछ नहीं करेगी। पनामा पेपर्स में मेरा नाम ग़लती से आया है। वो जांच पड़ताल करेंगे और जल्द ही सारा सच सामने आ जाएगा। पूछताछ के लिए मुझे ईडी ऑफिस बुलाया गया था। जहां मैंने उनके सभी सवालों के जवाब दिए।’

 बजोरिया पर आरोप है कि उनकी विदेश में बेनामी संपत्ति है। वह हैप्टिक (ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड) लिमिटेड के मालिक हैं, जिसे बीवीआई में 16 अक्टूबर (2015) को मोसाक फोनसेका एवं व्यापारिक (एमएफ) की मदद से स्थापित किया गया था। 

जबकि बीजेपी नेता ने इन आरोपों का खंडन करते का कहा कि वो कभी भी इस कंपनी के मालिक नहीं रहे। ऐसा किसी गलती की वजह से हुआ है। सच्चाई ये है कि वो ऐसी किसी भी कंपनी के मालिक नहीं हैं। साथ ही गलती से उनका पासपोर्ट मोसाक फोनसेका एवं व्यापारिक (एमएफ) को भेजा गया था। 

पनामा द्वारा लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक कंपनी पर संपत्ति छिपाने और टैक्स बचाने का आरोप लगाया था। सूत्रों की मानें तो बजोरिया को तीन अन्य कंपनियों का मालिक भी बताया गया है। हालांकि बजोरिया ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।