जम्मू-कश्मीर के वन और पर्यावरण मंत्री चौधरी लाल सिंह पर राज्य के मुसलमानों को धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। चौधरी लाल सिंह पर मुसलमानों को 1947 में हुए मुस्लिम विरोधी दंगे का नाम लेकर धमकाने का आरोप लगा है। उन पर जिन लोगों ने मामला दर्ज कराया है उसमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल हैं।
मोहम्मद मुमताज नाम के एक प्रत्क्षदर्शी ने बताया है कि जब वे लोग 18 मई को लाल सिंह के गांधी नगर स्थित अवास पर अपने बाग से जुड़े काम के लिए गए थे तो उन्होंने उनको और उनके साथियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कहा कि वे लोग 1947 में इलाके में मारे गए मुसलमान लोगों के बारे में भूल गए हैं।
हालांकि मंत्री लाल सिंह का कहना है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। बल्कि उनकी बात को गलत तरीके से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “उस दिन वे लोग मेरे पास आए थे। वे चाहते थे कि मैं उन्हें जंगल में से पेड़ काटकर उनके ट्रक भरने की इजाजत दे दूं। मैंने मना कर दिया और कहा कि इतने पेड़ कटने की वजह से ही जम्मू का तापमान 47 डिग्री पहुंच गया है। यह बर्दाशत नहीं किया जाएगा।”
लेकिन मुमताज और उनके साथियों का कहना है कि वनमंत्री ने सबके सामने धमकी दिया था और कहा था, “गुज्जरों क्या तुमलोग 1947 को भूल गए हो। फिर तुम यहां क्यों आए हो?”
उल्लेखनीय है कि साल 1947 को घाटी के इतिहास में काला दिन के रूप में याद किया जाता है, क्योंकि उस दिन यहां 3 से 4 लाख मुस्लिम सांप्रदायिक ताकतों के हाथों मारे गए थे। मुमताज ने कहा कि हिंदू किसानों में से एक रशपाल शर्मा, जो प्रतिनियुक्ति का हिस्सा थे, ने मंत्री को सूचित किया कि वे सभी किसान हैं और उधमपुर से आए हैं। ताकि वे कृषि समुदाय की समस्या को हल करें। लेकिन मंत्री ने धमकाते हुए कहा कि जहां से आए चुपचाप चले जाओ।
उन्होंने कहा कि हमारी फरियाद सुनने के बजाए उन्होंने हमारे खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। मुमताज ने कहा कि उन्होंने मंत्री से संपर्क किया था क्योंकि उन्हें निजी भूमि पर पेड़ों को काटने की इजाजत नहीं दी जा रही थी और वे उससे अनुमति लेना चाहते थे। लेकिन वनमंत्री लाल सिंह ने धमकाना शुरू कर दिया और वहां से चले जाने की धमकी दी। इसके बाद वनमंत्री पर गांधी नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। गांधी नगर एसएचओ ने बिश्नेश कुमार ने बताया कि गुज्जरों के एक समूह ने वनमंत्री के खिलाफ शिकायत किया है।