महिला IPS से बदतमीज़ी करने वाले भाजपा विधायक ने कहा- छोटी अफ़सर होकर बोल रही थी इसलिए डाटा

महिला आईपीएस अधिकारी से सरेआम बदसलूकी करने वाले भाजपा विधायक राधामोहन दास अग्रवाल ने मांफा मांगने से इंकार कर दिया है।

एक समाचार चैनल को दिए बयान में राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा, “वो महिला छोटी अफसर थी। उसे बीच में बोलने की क्या जरूरत थी। मैंने आईपीएस से चुप रहने के लिए कहा, इसमें मैंने क्या गलत कह दिया।”

उन्होंने कहा, “इस घटना के वक्त जब मैं पहुंचा, तो उस वक्त सीओ नहीं थी। एसओ ने मुझसे कहा कि दूकाने बंद नहीं होंगी। इसके बाद मैंने एसडीएम और आबकारी अधिकारी को फोन किया। वे लोग आए। मैं उनसे बात कर रही रहा था कि सीओ बीच में आ गईं। सीओ को इतना तक नहीं पता था कि मैं शहर का पिछले 15 साल से विधायक हूं। मैंने उनको बताया भी, लेकिन इसके बाद भी वह झगड़ने लगी। मेरे बार-बार कहने के बाद भी बोलती रहीं।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “मैंने सीओ से कहा कि मुझे तुमसे नहीं एसडीएम से बात करनी है। तुम हर समस्या की जड़ हो। एक सीमा के बाद मैं तुम्हे बर्दाश्त नहीं करूंगा। क्या मैंने कुछ गलत कहा? क्या मैंने उसके साथ कुछ गलत किया? क्या मैंने उसके साथ कोई अभद्रता की? सीओ की कोई जाति, धर्म या लिंग नहीं होता है। एक विधायक के नाते मेरा काम है कि मैं लोगों की आवाज उठाऊं। मेरी छवि खराब कर दी गई है। मुझे मुंबई से मैसेज और कॉल आ रहे हैं। लोग मुझे गालियां और धमकी दे रहे हैं।”

वहीं दूसरी तरफ सीओ चारु निगम ने कहा, “यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा मामला है। हमारे पास पूरी घटना का वीडियो है। उसमें सारी सच्चाई कैद है। उसमें साफ दिख रहा है कि एक महिला बार-बार पुलिसवालों और मुझे लाठी मार रही थी। उसकी लाठी से मुझे भी चोट आई है। जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त तो शराब की दूकानें भी बंद थीं। लोग केवल जाम लगाना चाहते थे। हमने उनको वहां से हटने का मौका दिया। लेकिन जब नहीं माने तो उन्हें हटाना पड़ा।”

गौरतलब है कि रविवार को करीमनगर इलाके में एक शराब की दुकान हटाए जाने के लिए स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर थे और पुलिस विरोध करने वालों को वहां से हटा रही थी। तभी वहां स्थानीय भाजपा विधायक राधा मोहन अग्रवाल पहुंचे। विरोध करने वाले लोगों ने अग्रवाल से शिकायत की कि सर्कल ऑफिसर चारू निगम ने जबरदस्ती करके शराब की दुकान का विरोध करने वालों को वहां से हटवाया।

विरोध करने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कथित तौर पर एक महिला को चोट पहुंचाई और एक 80 साल के बुजुर्ग को वहां से खींचकर हटाया। इसके बाद भाजपा विधायक ने पुलिस अधिकारी निगम से उनकी इस कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा। उन्होंने अधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार का आदेश है कि कोई भी शराब की दुकान घनी बस्ती है वहां नही होगी।

विधायक की तेज आवाज और बहस के बीच महिला अधिकारी निगम के आंखों से आंसू आंसू निकल पड़े। इसी दौरान किसी ने पूरे घटना वीडियो बना लिया जो कल दिन भर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। यह वीडियो कई समाचार चैनलों में भी प्रसारित हो हुई। इसके बाद निगम ने आरोप लगाया कि उनके साथ भाजपा विधायक ने भीड़ के सामने अभद्रता और बदतमीजी की। उन्होंने कहा “विधायक ने मेरे साथ अभद्रता की और इस बात का ख्याल भी नही रखा कि वह भीड़ के सामने एक महिला पुलिस अधिकारी से बात कर रहे है।”

इसके बाद उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि मेरे आँसुओं को मेरी कमज़ोरी न समझना, कठोरता से नहीं कोमलता से अश्क झलक गए। महिला अधिकारी हूं। तुम्हारा गुरूर न देख पाएगा। सच्चाई में है ज़ोर इतना अपना रंग दिखलाएगा। इसके आगे उन्होंने लोगों से खुद को सपोर्ट करने को भी कहा था।

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