दिल्ली विधानसभा के गलियारों में स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों की तस्वीरें लगाई गई हैं. इन तस्वीरों का अनावरण गणतंत्र दिवस के दिन किया जाना है, लेकिन उससे पहले ही एक नया विवाद छिड़ गया है. विवाद इन क्रांतिकारियों में टीपू सुल्तान के नाम को शामिल किए जाने को लेकर है. दिल्ली विधानसभा में तात्या टोपे से लेकर लक्ष्मीबाई और नानाराव पेशवा से लेकर बिरसा मुंडा तक की तस्वीरें लगाई गई हैं, लेकिन कुल 70 तस्वीरों में एक तस्वीर को लेकर बीजेपी दिल्ली सरकार पर हमलावर हो गई है और वो तस्वीर है टीपू सुल्तान की.
भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने टीपू सुल्तान की तस्वीर को विधानसभा में लगाना जनता की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है, ओपी शर्मा का कहना है कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पता है कि ये विवादित है तो क्यों तस्वीर लगाई गईं।
रानी लक्ष्मीबाई के साथ लगाने वाला कद नहीं है टीपू सुल्तान का. मैं ये मामला विधानसभा में भी उठाऊंगा.” वहीं, बीजेपी को जवाब देते हुए आप विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा “हमने बीजेपी और उनके विधायकों से पूछा था कि वे अपनी पार्टी या आरएसएस के लोगों के नाम बताएं, जिन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष में काम किया था लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं दिया।”
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का कहना है कि टीपू सुल्तान की तस्वीर लगाना गर्व की बात है, क्योकि टीपू ने अंग्रेज़ों से जमकर लोहा लिया था और बीजेपी का विरोध उनकी संकुचित मानसिकता को दर्शाता है.
टीपू सुल्तान के नाम पर भाजपा का विरोध नया नहीं है. कर्नाटक में भी टीपू जयंती मनाये जाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुके हैं और अब ये विवाद कर्नाटक से निकलकर दिल्ली में भी आ गया है. योगी आदित्यनाथ भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्घारमैया पर टीपू सुल्तान को लेकर हमलावर रहे हैं.