भाजपा का राज्य गुरुग्राम बना अपराध की राजधानी, 5 महीने में 52 बलात्कार

गुरुग्राम यानि साइबर सिटी लेकिन अब यही साइबर सिटी महिला अपराध के लिए कुख्यात होती जा रही है । हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार की ये बड़ी नाकामयाबी कही जा सकती है कि गुरुग्राम जैसे शहर में 1 जनवरी 2016 से 2 जून तक 53 रेप की वारदातें हो चुकी हैं ।

एनसीआर में शामिल गुरुग्राम में अपराध के आंकड़े दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। अपराधियों के हौसले में भी दिनो दिन बुलंद हो रहे हैं। इसकी तस्दीक करती है पुलिस थानों में दर्ज रिकॉर्ड्स । इस साल 2 जून तक तक गुरुग्राम में कुल 53 दुष्कर्म की वारदात हो चुकी हैं। इनमें से 9 गैंगरेप की घटना है।

इसके अलावा इस शहर में छेड़छाड़ की अब तक 100 से ज्यादा केस रजिस्टर्ड हुए हैं। पोस्को के तहत भी 45 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले दिनों 19 वर्षीय महिला के साथ मानेसर में हुए गैंगरेप की वारदात और आठ महीने की उसकी बच्ची की हत्या से शहर सन्न है और सदमे में है।

गुरुग्राम की आबादी एक अनुमान के मुताबिक करीब 25 लाख है और गुरुग्राम पुलिस में पुलिसकर्मियों और अधिकारयों की कुल संख्या 3767 है। यानी गुरुग्राम के एक पुलिसकर्मी पर करीब 650 लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है। इनमें एसीपी, डीसीपी और अन्य उच्च पदादिकारी भी शामिल हैं।

अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुरुग्राम में रह रहे लोगों की सुरक्षा कितनी पुख्ता है। दिल्ली में पुलिस पब्लिक अनुपात 1:256 है जबकि राष्ट्रीय तौर पर यह अनुपात 1:554 है।

यहां रहने वालों का कहना है कि शहर की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है लेकिन आबादी के लिहाज़ से पुलिस की संख्या बहुत कम है। लोग बढ़ते अपराध पर काबू पाने के लिए न सिर्फ पुलिस बल को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं बल्कि पुलिस की कार्यशैली को भी बदलने की मांग हो रही है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा ने गुरुग्राम में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताई है और राज्य सरकार से गुरुग्राम में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की मांग की है ।