झारखंड: बीजेपी शासित राज्यों में अब भूख से मरने वालों की संख्यां लगातार वृधि हो रही है। जहां एक तरफ झारखंड में 11 साल की बच्ची सहित 3 लोगों की भूख से मौत हुई वहीँ दूसरी तरफ यूपी के बरेली जिले में भी भूख की वजह से एक महिला की मौत का मामला सामने आया था, लेकिन यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब यह खबर आ रही है कि झारखंड के ही कोरता गांव में कथित तौर पर भूख से एक और महिला की मौत हो गई है।
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मृतका (प्रेमनी कुंवर) के बेटे उत्तम ने बताया की कि, घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, पिछले एक महीने से घर में कुछ भी नहीं बना है। मम्मी कमजोर हो गई थीं। मैं 29 नवम्बर को राशन लेने गया था। उन्होंने कहा कि आज अंगूठा लगा दो, राशन के लिए 2 दिसंबर को आना लेकिन मम्मी 1 दिसंबर को ही भूख से तड़प ताराप कर मर गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय एनजीओ राइट टु फूड कैम्पेन के मुताबिक राशन नहीं मिलने और 600 रुपये विधवा पेंशन किसी और खाते में स्थानांतरित होने के कारण कुंवर की मौत हुई है।
उधर प्रशासन ने कुंवर की भूख के कारन हुई मौत को बेबुनियाद बताया है साथ ही यह भी कहा है कि विधवा पेंशन की बात करें तो वह उनके द्वारा ही संचालित दूसरे खाते में भेज रहे थे, जिसमें अब भी पैसे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रिकॉर्ड बताते हैं कि कुंवर दो विधवा पेंशन खाते चला रही थीं। एक उसके नाम से और दूसरा पति की पहली पत्नी शांति देवी के नाम से है।
बता दें कि झारखंड में इससे पहले भी भूख से कई लोगों की जानें चली गई, जो इस प्रकार है, देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत भगवानपुर गांव में 62 साल के रूपलाल मरांडी की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी। 21 अक्टूबर को धनबाद के झरिया में 40 वर्षीय रिक्शा चालक की कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी। हाल ही में सिमडेगा जिले में स्थित कारीमाटी गांव में कोयली देवी नाम की महिला की 11 साल की बेटी संतोषी की बीते 28 सितंबर को कथित तौर पर भूख के कारण मौत हो गई थी।