संघ प्रमुख कहते हैं जो भारत में पैदा हुआ है वह हिंदू है। अब सवाल यह उठता है कि जो हिंदू विलायत में पैदा होगा तो क्या वह हिंदू नहीं होगा। शंकराचार्य सोमवार को यहां दयालबाग पुष्पांजलि एक्सटेंशन में पत्रकारों से वार्ता रहे थे। शंकरचार्य ने बताया कि भाजपा, साथ ही आरएसएस दोनों ने हाल के वर्षों में हिंदू धर्म को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरएसएस प्रमुख हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। “भागवत कहते हैं कि हिंदू विवाह एक अनुबंध है, जबकि हिंदू विवाह जीवन के लिए गंभीर हैं। भागवत कहते हैं कि भारत में पैदा होने वाला कोई भी व्यक्ति हिंदू है, तो हिंदू माता-पिता से इंग्लैंड या अमेरिका में पैदा हुआ कोई व्यक्ति क्या होगा।
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से पहले भाजपा के नेता गोमांस के एक्सपोर्ट को देश की संस्कृति पर कलंक कहते थे। अब क्या हो रहा है, देश गोमांस का सबसे बड़ा निर्यातक है।
क्या कलंक मिट गया। कश्मीर से धारा 370 हट गई। देश के युवाओं को रोजगार मिल गया। गरीब के खाते में पैसा आ गया। राम मंदिर बन गया। अब जनता जवाब मांगेगी। शंकराचार्य ने आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह तो कानून की ओर से दिया गया दंड है। अभी धर्म का दंड को मिलना बाकी है। उनके बेटे नारायण स्वामी को भी किए की सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब देश में बेवकूफ रहेंगे तब तक आसाराम जैसों का कारोबार चलता रहेगा।
धर्म के नाम पर दुकान चलाने वालों पर तंज कसते हुए शंकराचार्य ने कहा कि चमत्कार दिखाकर जनता को भ्रमित करने वालों की पोल तो खुलती है लेकिन तब तक भोलीभाली जनता का नुकसान हो जाता है।
शंकराचार्य ने कहा कि अर्द्ध कुंभ को महाकुंभ का नाम देकर सरकार को जनता को ठगने की तैयारी कर रही है। सरकारी धन का दुरुपयोग होगा। किन्नरों के आखाड़े के प्रश्न पर शंकराचार्य ने कहा कि पहले यह तो सिद्ध हो किन्नर हिंदू या हैं नहीं, कभी तो वे मुसलमान थे। तमाम लोग ऐसे भी हैं जिन्हें जबरन किन्नर बना दिया गया है। शंकराचार्य ने ब्राह्मण समाज की वकालत करते हुए कहा कि सरकार का निशाना ब्राह्मण समाज पर है। सबको आरक्षण है लेकिन ब्राह्मण को नहीं है। पहले तो ब्राह्मण को चुनाव लड़ने को टिकट नहीं मिलेगा।
किसी तरह टिकट पाकर वह जीत गया तो मंत्री नहीं बनाया जाएगा। अब तो पुरोहिती के कार्य पर सरकार की नजर है। पुरोहितों को ट्रेनिंग की देने की योजना बनाई जा रही है। किसी भी जाति का व्यक्ति पुरोहित की ट्रेनिंग ले सकता है और पुजारी बन सकता है।