नई दिल्ली: विपक्ष के गठबंधन अब कैराना के लोकसभा उपचुनाव में भी भाजपा की हार लगभग तय है। फूलपूर और गोरखपूर के लोकसभा उपचुनाव में ज़बरदस्त हार कहा चुकी भाजपा ने कैराना के लिए पूरी शक्ति झोंक दी है, लेकिन विपक्ष के गठबंधन से भाजपा की सारी रणनीति ख़ाक होती जा रही है।
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2014 के आम चुनाव में कल 80 सीटों में से 73 सीटों पर और 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 300 से अधिक सीटों पर कब्जा करने वाली भाजपा के लिए उपचुनाव में हार मुद्दा बन गया है। कैराना का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के लिए बहुत बड़ा चैलेंज है क्योंकि यह सीट भाजपा के सांसद हुक्म सिंह की मौत के बाद खाली हुई है और अब उनकी बेटी को उम्मीदवार बनाया गया है।
क्योनिकी इस पर अगर हर होती है तो उसका असर 2019 के आम चुनाव पर भी पड़ेगा।गौरतलब है कि गोरखपूर और फूलपुर में महज बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को वोट करने का ऐलान किया था लेकिन कैराना में मामला थोडा अलग है।