लकवाग्रस्त भाई को ठीक करने के लिए 10 साल की बच्ची की बलि चढ़ा दी

बेंगलूरू। मागड़ी में पिछले सप्ताह गायब हुई 10 साल की बच्ची की हत्या की वजह काला जादू और अंधविश्वास का मामला बताया जा रहा है। पुलिस ने यह जानकारी बच्ची की हत्या में पकड़े गए चार आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद दी है।

पुलिस ने बताया कि आयशा एक निजी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती थी जो 1 मार्च की शाम से लापता थी। उसका शव 3 मार्च को जिले में होसहल्ली के पास मिला था।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में मोहम्मद वासी (42), इनकी बहन रसुद्दीनिशां (37), काला जादू करने का दावा करने वाली नसीमा ताज (33) और एक 17 वर्षीय नाबालिग शामिल है।

आरोप है कि इन चारों ने मिलकर होसा मसीदी मोहल्ला निवासी मृतका बच्ची आयशा को अगवा किया। सूत्रों के मुताबिक वासी और उनकी बहन अपने बड़े भाई को ठीक करने के लिए बेंगलूरू निवासी नसीमा ताज से मिले ताकि वह जादू-टोना से उनके भाई को ठीक कर सके। उनके भाई को फरवरी में लकवे का अटैक हुआ था।

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बेंगलूरू के जेजे नगर में रहने वाली आरोपी नसीमा ने रसुद्दीनिशां से कहा था कि अगर वह 45 दिन के अंदर 10 साल की लड़की की बलि नहीं देंगे तो उनका भाई मर जाएगा। ये सुनकर वासी को लगा कि उसके कज़िन की 10 साल की बेटी इस बलि के लिए एकदम सही है।

बताया ये भी जा रहा है कि वासी और उसके कज़िन के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा है। जिस कारण उसने आयशा की बलि का कदम उठाया।

पुलिस महानिदेशक (केन्द्रीय) सीमन्त कुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।