केंद्रीय मंत्री के गोद लिए गांव में लगे पोस्‍टर- बीजेपी वालों का आना मना है

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक गांव है ‘कचैड़ा वारसाबाद’। गांव के विकास के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इसे गोद लिया है। लेकिन यहां रहने वाले लोगों ने गांव के बाहर एक बोर्ड लगाया है, जिस पर लिखा है, “बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्त मना है।” यह बोर्ड कथित तौर पर स्थानीय प्रशासन और रियलिटी ग्रुप के कर्मचारियों द्वारा किसानों की तैयार फसल को नष्ट करने के बाद रविवार (28 अक्टूबर) को लगाया गया है। बादलपुर के कचैड़ा गांव के निवासी और किसान तेजिंदर नागर (35) ने आरोप लगाया, “पांच दिन पहले 25 से 30 मशीनों द्वारा हमारे द्वारा छह महीने पहले रोपे गए फसल, जो अब तैयार हो चुके थे, को बर्बाद कर दिया गया। ट्रैक्टर के चारो ओर करीब 100 पुलिस जवान तैनात थे ताकि गांव वाले और किसान उस काम को बाधित नहीं कर सकें। जब हमने सवाल किया तो हमारे उपर लाठियां बरसाई गई।”

ग्रेटर नोएडा 3 के सर्किल ऑफिसर निशांक शर्मा ने कहा कि प्रधान सहित करीब 84 ग्रामीणों को कानून-व्यवस्था पालन करने के दौरान अवरोध पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा, “हमने पूरे क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है।” 2005-06 के दौरान खरीदे गए जमीन को लेकर यहां रियलिटी ग्रुप और किसानों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, कंपनी द्वारा किसी तरह के विकास का काम नहीं किया गया और वे खेती करते रहे। रविवार को अधिकारियों ने फिर से जमीन पर दावा किया। वहीं, ग्रामीणों ने बिना किसी नोटिस के तैयार लाखों रुपये मूल्य की फसल को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।

स्थानीय लोगों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने सांसद महेश शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की ताकि इस समस्या को सुलझाया जा सके। लाठी चार्ज के दौरान घायन होने की बात कहते हुए रणवीर सिंह (62) ने बताया, “उनका (महेश शर्मा) का फोन बंद बता रहा है और वे किसी तरह के लेटर का जवाब नहीं दे रहे हैं। इस वजह से गुस्से में हमने साइनबोर्ड लगाया है, जिस पर साफ लिखा है कि शासन करने वाली पार्टी के किसी सदस्य को यहां आने की इजाजत नहीं है। शर्मा ने केवल नाम के लिए इस गांव को गोद लिया है।”

वहीं, महेश शर्मा ने इसे राजनीतिक विरोधियों की साजिश बताया। उन्होंने कहा, “मैं अपने गांव को अच्छी तरह से जानता हूं। यह एक खास व्यक्ति का काम है, जो राजनीति से प्रेरित है। सपा के एक नेता को हिरासत में लिया गया था। कुछ दिनों के लिए मैं राज्य से बाहर हूं। मैं किसानों के साथ हूं और कुछ ही समय में उनकी सभी समस्याओं को दूर कर दूंगा।”

स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन एक ग्रुप को कानूनी तरीके से बेची गई थी। किसी तरह का कोई विवाद नहीं था। सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह ने कहा, “कई ग्रामीणों ने स्वेच्छा से अपनी जमीन हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए बेची और पैसे लिए। यह जमीन आॅथरिटी से संबंधित है। हम पिछले तीन महीनों से गांव प्रशासन से बातचीत कर रहे हैं। उन्हें पहले से ही सभी सूचना दी गई थी। हम शांतिपूर्वक इस स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।”

साभार- जनसत्ता