बर्मिंघम विश्वविद्यालय में इस्लामी अध्ययन की व्याख्याता कैथरीन ब्राउन का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने वाले ब्रिटिश जिहादियों को उनके परिवारों के साथ ब्रिटेन लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उनका कहना है कि ब्रिटिश जिहादियों ने इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ते समय वहां शादी की है, उनको अपने परिवारों के साथ ब्रिटेन लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए। कैथरीन ब्राउन ने कहा कि आतंकवादी समूह के लिए लड़ने वाले लोगों से नागरिकता को छीन लेना ‘जिम्मेदारी से इनकार करना’ है।
मुस्लिम महिलाओं और कट्टरपंथीकरण के बारे में उन्होंने कहा, ‘उन लोगों के लिए हमारी ज़िम्मेदारी है। इसका मतलब है कि उन्हें न्याय में लाने और नागरिकों के रूप में उनकी मदद करना। ‘एक मुस्लिम महिला और उनके बच्चों के बारे में क्या? मुझे लगता है कि उन बच्चों के लिए हमारा दायित्व है।
मिस ब्राउन ने यह भी कहा कि ब्रिटेन युवाओं के बीच इस्लामीकरण की समस्याओं के साथ बेहतर तरीके से निपटने के लिए ‘सुरक्षित स्थान’ की अनुमति देकर बेहतर व्यवहार कर सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा आतंकवाद विरोधी रणनीतियों ने बहस को रोक दिया है।