ब्रेग्ज़िट मुद्दे को लेकर ब्रितानी प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे के ख़िलाफ़ कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। बुधवार को हुए मतदान में टेरीज़ा मे के पक्ष में 200 जबकि उनके ख़िलाफ़ 117 वोट पड़े।
अगर सांसदों ने नेतृत्व परिवर्तन का फ़ैसला लिया होता तो टेरीज़ा को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता था। मे की ब्रेग्ज़िट नीति से नाराज़ उनकी पार्टी के 48 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
इन सांसदों का कहना था कि 2016 में हुए जनमत संग्रह के पक्ष में मतदान करने वाले लोगों की उम्मीदों पर टेरीज़ा में खरी नहीं उतरीं।ब्रिटेन में ब्रेग्ज़िट मुद्दे पर 23 जून 2016 को जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें ब्रिटेन के मतदाताओं ने यूरोपीय यूनियन से अलग होने के पक्ष में मतदान किया था।
टेरीज़ा मे इस जनमत संग्रह के कुछ ही समय बाद प्रधानमंत्री बनी थीं और 29 मार्च 2017 को उन्होंने ब्रेग्ज़िट की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
यूरोपीय यूनियन के क़ानून के तहत ब्रिटेन को ठीक दो साल बाद यानी 29 मार्च 2019 को यूरोपीय यूनियन से अलग होना पड़ेगा।
साभार- ‘parstoday.com’