बसपा ने इस बार राजू बाल्मीकि को स्टार प्रचारक बनाया है। राजू बाल्मीकि बसपा से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। पर क्या वे वाक़ई बाल्मीकि समाज के उतने बड़े नेता हैं जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य थे या नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी हैं या सतीश मिश्रा की पहचान है। बीएसपी में पहली बार मायावती के अलावा सतीश मिश्रा और नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी को प्रचार के लिए हेलिकाप्टर दिया था। मुझे नहीं मालूम राजू बाल्मीकि किस तरह से बसपा के लिए प्रचार कर रहे हैं। अगर वाक़ई बसपा के समर्थक या कार्यकर्ता गैर जाटव बिरादरी को एकजुट करने को लेकर गंभीर प्रयास कर रहे हैं तो बसपा के लिए अच्छे नतीजों की उम्मीद की जा सकती है। बग़ैर मीडिया और सर्वे के भी बसपा अच्छा कर सकती है। आंतरिक एकजुटता के बग़ैर बाहरी एकजुटता से उम्मीद तभी की जानी चाहिए जब मुसलमान सिर्फ बसपा को ही वोट करे। बसपा को अल्पसंख्यक से ज़्यादा आंतरिक एकजुटता के लिए संघर्ष करना होगा। वक्त कम है और 2017 सामने खड़ा है।

(ये आर्टिकल एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार द्वारा लिखा गया है)