बुलंदशहर हिंसा में आर्मी का जवान भी आरोपी, हाल ही में हुआ था भर्ती

बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के चलते हुई हिंसा के बाद अब पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। अभी तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं मुख्य आरोपी योगेश राज समेत अन्य लोग अभी तक फरार हैं। आरोपियों में हिंदूवादी संगठन बजरंग दल, भाजपा कार्यकर्ता और सेना के जवान भी शामिल हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक  एफआईआर में नामजद हिंसा के मामले में सेना का एक  जवान जितेंद्र मलिक भी बतौर आरोपी शामिल है। जितेंद्र की मां का कहना है कि वह हाल ही में सेना में भर्ती हुआ था और फिलहाल श्रीनगर में उसे तैनाती मिली हुई है। फिलहाल जितेंद्र छुट्टियों पर घर आया हुआ था। जितेंद्र शाकाहारी है और अन्य लोगों को भी मांसाहार करने से मना करता है।

मुख्य आरोपी योगेश राज (25 वर्ष): योगेश राज एलएलबी सेकेंड ईयर का छात्र है और 16 साल की उम्र से बजरंग दल के साथ जुड़ा हुआ है। योगेश का घर भगवा रंग में रंगा है और उसके घर के दरवाजे पर अखंड भारत का नक्शा बना हुआ है। योगेश की बहन ने बताया कि सोमवार को उसकी परीक्षा थी, परीक्षा देने के बाद वह घर आया, जिसके बाद उसे बजरंग दल के अन्य सदस्यों की तरफ से एक फोन आया। इसके बाद वह उस जगह गया, जहां गोवंश के अवशेष मिले थे, उसके बाद वह रात में वापस आया और चिंता ना करने की बात कहकर चला गया और अभी तक नहीं लौटा है। बताया गया है कि योगेश वकील बनना चाहता है और राजनैतिक रुप से काफी सक्रिय है। योगेश का परिवार एक छोटा किसान परिवार है, जिनके पास 2 बीघा जमीन है।

देवेंद्र (55) और उसका बेटा चमन (21 वर्ष): पुलिस ने इन दोनों बाप-बेटों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। देवेंद्र एक किसान है और राजनैतिक रुप से किसी पार्टी या दल के साथ उसका कोई जुड़ाव नहीं है। वहीं उसका बेटा चमन कक्षा 12 का छात्र है और यूपी पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है। चमन की मां का कहना है कि ‘उनका बेटा जनवरी में होने वाली परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जिस वक्त हिंसा हुई वह ट्यूशन में था। जब पुलिस ने उसे हिरासत में लिया उस वक्त वह सो रहा था। यदि हमें पता होता कि उसका नाम भी एफआईआर में है तो मैं उसे फरार हो जाने को कहती।’ देवेंद्र एक छोटा किसान है और उनके पास सिर्फ 3 बीघा जमीन है।

राज कुमार (36 वर्ष)(पूर्व प्रधान): पुलिस का कहना है कि राजकुमार ने ही दावा किया था कि अपने खेत में गोवंश के अवशेष सबसे पहले उसने ही देखे थे। चिंगरोठी गांव, जहां की पुलिस चौकी को प्रदर्शनकारियों ने जला डाला था, राजकुमार उसी गांव का पूर्व प्रधान है। राजकुमार के 2 छोटे बच्चे हैं और राजकुमार के परिवार के पास करीब 10 बीघा जमीन है। राजकुमार की पत्नी का कहना है कि उसके पति का कभी भी किसी राजनैतिक पार्टी से जुड़ाव नहीं रहा, ये सिर्फ बदकिस्मती है कि गोवंश के अवशेष उनके खेत में मिले।

 

मुकेश (30 वर्ष) ड्राइवरः मुकेश दो दिन पहले ही गाजियाबाद से घर आया था और जैसे ही उसने गो हत्या की बात सुनी तो मौके पर गया था। मुकेश की हाल ही में शादी हुई थी और फिलहाल उसकी पत्नी अपने मायके गई हुई है। मुकेश की मां का कहना है कि उनका परिवार गो-पालन पर ही निर्भर है। मुकेश के पिता का कहना है कि यही वजह है कि मुकेश को गोवंश की बात सुनकर गुस्सा आया।

सचिन भाजपा कार्यकर्ता (35 वर्ष): सचिन भाजपा का कार्यकर्ता है और महाव गांव का निवासी है। सचिन की मां का कहना है कि उनका बेटा भाजपा का कार्यकर्ता है और राम मंदिर और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करता है। सचिन कक्षा 12वीं तक पढ़ा है और उनके परिवार के पास 5 बीघा जमीन और 6 भैंसे हैं।

विनीत (30 वर्ष) (बेरोजगार): विनीत बेरोजगार है और उसके पास सिर्फ एक गाय है, जिससे उसकी आजीविका चलती है। विनीत 12वीं तक पढ़ा है और उसका एक बेटा है। विनीत का परिवार फिलहाल फरार है।

टिंकू (18 वर्ष) बेरोजगारः हिंसा का अन्य आरोपी टिंकू भी बेरोजगार है। टिंकू की दादी ने बताया कि उसने बीते दिनों दिल्ली में एक कोर्स किया था, लेकिन उसे पूरा करने से पहले ही घर लौट आया। फिलहाल वह अपने पिता के साथ अपने खेतों पर ही काम कर रहा है। टिंकू का परिवार उसे एक प्राइवेट नौकरी दिलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक वह बेरोजगार ही है।

साभार- जनसत्ता