योगी सरकार का नया आदेश, अब यूपी मे मुसलमानों का निकाह रजिस्ट्रेशन ज़रूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को सभी विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें मुस्लिम समुदाय भी शामिल है।

स्वास्थ्य मंत्री और सरकारी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कैबिनेट फैसलों के बारे में मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए बताया कि मुसलमानों को नए प्रावधानों के तहत पंजीकृत दूसरे, तीसरे और चौथे विवाह को भी प्राप्त करना होगा।

इस कदम के पीछे का मकसद उन्होंने कहा, महिलाओं के हितों की रक्षा, जाति और सामुदायिक लाइनों में कटौती करना है।

अब तक इस संबंध में केंद्र सरकार का शासन उत्तर प्रदेश और नागालैंड को छोड़कर पूरे देश में लागू किया गया था लेकिन मंगलवार को मंत्रिमंडल के फैसले के साथ यह यूपी में अब लागू होगा।

उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग को कार्य को सौंपा है जबकि स्टाम्प और पंजीकरण विभाग को यह निष्पादित किया जाएगा।

शादी के पंजीकरण के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा होगी और दोनों पति और पत्नी की तस्वीरें रजिस्ट्रेशन पर पोस्ट की जाएगी। हालांकि मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को लगाने के लिए मुसलमानों की आपत्तियां इस आधार पर खारिज कर दी गईं कि पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसी जगहों पर जब तस्वीरें लग सकती हैं तो यहाँ भी इस नियम का पालन किया जायगा।

अगर देख जाये तो सरकार की इस नियम के पीछे इंटर-रिलिजन मैरेज, इंटर-कास्ट मैरेज, और तलाक जैसे मामले की मॉनिटरिंग भी शामिल हो सकती है।