उत्तर प्रदेश के देवरिया में बालिका आश्रयगृह में यौन शोषण के आरोपों के बाद 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है। पुलिस अधीक्षक रोहन पी कानय ने बताया, ‘आश्रय घर से बचने वाली लड़कियों में से एक हमारे पास आई और कहा कि उन्हें नौकरों पर रखा जाता था।
उसने यह भी कहा कि कार 15 साल से ऊपर की लड़कियों को लेने के लिए आती हैं और लड़कियां अगले दिन वापस आती हैं। वो आकर रोती हैं। जांच चल रही है।’
बच्ची ने ये भी बताया कि छोटे-छोटे बच्चों से पोंछा लगवाया जाता है। काम ना करने पर पिटाई भी की जाती है।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच की जाएगी।
उसमें रहने वाले बच्चों का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। पॉक्सो कोर्ट के सामने उनके बयान दर्ज कराए जाएंगे। विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उनके विभाग ने उस आश्रयगृह की मान्यता समाप्ति के आधार पर उसे बंद करने के आदेश दिए थे।
विभाग ने पिछले दिनों इस मामले में एक मुकदमा भी दर्ज कराया था। जो घटना सामने आयी है, वह गम्भीर है। सचाई सामने आयेगी और इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।