दैनिक जागरण के संपादक पर मुकदमा दर्ज किया जाए : चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम ज़ैदी ने दैनिक जागरण के संपादक पर मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है। ज़ैदी ने यूपी के पहले चरण से सभी 15 ज़िलों के ज़िला निर्वाचन अधिकारियों को कहा है कि वह अपने-अपने ज़िले में जागरण पर मुकदमा करें।

दैनिक जागरण ने पहले चरण की वोटिंग के बाद एग्ज़िट पोल की ख़बर प्रकाशित कर दी थी जबकि चुनाव आयोग ने इस तरह के पोल पर प्रतिबंध लगा रखा है।

यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रीय कहे जाने वाले अख़बार ने प्रतिबंध को ठेंगा बताते हुए ‘एक्ज़िट पोल’ प्रकाशित किया। इस ‘दुस्साहस’ का नतीजा यूपी में पहले चरण के चुनाव में बीजेपी ने सबको पीछे छोड़ा। नंबर दो पर बसपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन तीसरे नंबर पर। जागरण ने अपनी वेबसाइट पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 73 सीटों पर 11 फरवरी को हुए चुनाव का यह एक्ज़िट पोल छापा। हवाला दिया है रिसोर्स डेवलेपमेंट इन्टरनेशनल (आरडीआई) के सर्वे का।

लेकिन यह सर्वे किस पार्टी या संगठन के कहने पर हुआ, ख़बर में यह बात गोल है। दावा किया गया है कि 38 विधानसभा सीटों के 5700 मतदाताओ से मतदान बाद बात की गई। इस सर्वे को “फ़ीडबैक ऑफ वोटर्स” नाम दिया गया लेकिन यह साफ़ तौर पर एक्ज़िट पोल ही है जिसको पूर्व में इलेक्शन कमीशन की ओर से प्रतिबंधित किया जा चुका है। इस रिपोर्ट के आने के साथ ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ में पहले चरण की 50 सीटें जीतने का दावा किया।

जागरण साफ़तौर पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटा है। पहले चरण को लेकर सभी दल सफलता का दावा कर रहे हैं ताकि बाक़ी छह चरणों के लिए समर्थकों में उत्साह बढ़े। वैसे भी उसकी ख्याति बीजेपी के मुखपत्र जैसी ही है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहला साक्षात्कार दैनिक जागरण को ही दिया था।

इससे ज़ाहिर है कि जागरण ने सीधे चुनाव आयोग को चुनौती दी है। देखना है कि आयोग उसके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई कर पाता है। वैसे जागरण के दुस्साहस को देखते हुए यह साफ़ है कि उसे बीजेपी से अभयदान मिला हुआ है। या कहें कि वह पत्रकारिता की आड़ में बीजेपी के लिए शिखंडी बन गया है। हालाँकि इस मसले पर हो रहे हंगामे को देखते हुए वेबसाइट से यह ख़बर हटा ली गई है लेकिन बीजेपी की जीत की हवा बनाने लायक मसाला तो उसने मुहय्या करा ही दिया है।