बाबरी विध्वंस मामले में आडवाणी समेत कई लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान आज सीबीआई ने अपना पक्ष रखा है। सीबीआई ने कहा है कि आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का ट्रायल चलाया जाए।
अब सीबीआई द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद शुक्रवार 7 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई होगी।
जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने 6 मार्च की सुनवाई के दौरान कहा कि इन सभी को कोर्ट ने तकनीकी आधार पर आरोपमुक्त कर दिया था। जिसे स्वीकार नहीं किया जायेगा।
कोर्ट ने इस मामले में दोनों मुकदमों पर एक साथ सुनवाई करने की बात कही लेकिन बचाव पक्ष के वकीलों ने इसपर आपत्ति जताई। उनका कहना है कि ये दोनों मामले अलग है और इनपर अलग से ही सुनवाई होनी चाहिए।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस केस पर लखनऊ हाइकोर्ट में सुनवाई हो।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई चल रही है जिसमें मई 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है। इस फैसले में 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद के विध्वंस में आडवाणी और अन्य पर आपराधिक षडयंत्र के आरोप को खारिज कर दिया गया था।