शिक्षण संस्थानों में सर्जिकल स्ट्राइक मनाने का आदेश, विपक्ष ने उठाए सवाल!

सर्जिकल स्ट्राइक’ की दूसरी वर्षगांठ विविध कार्यक्रमों के बीच शनिवार को मनाई जाएगी। स्कूलों से लेकर कॉलेज व यूनिवर्सिटी तक में आयोजन का सरकारी आदेश है। हालांकि, पूर्व संध्या पर भी कई जगहों पर इसके बारे में कोई सुगबुगाहट नहीं दिखी।

प्रीमियर कॉलेज लंगट सिंह व एमडीडीएम के प्राचार्यो प्रो. ओमप्रकाश राय तथा डॉ. ममता रानी ने बताया कि इस अवसर पर विविध कार्यक्रम किए जाएंगे। कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव ने भी तमाम विभागों को यह दिवस समारोहपूर्वक मनाने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को कहा है कि वे अपने यहां व तमाम कॉलेजों में विशेष आयोजन करें। बता दें कि 28-29 सितंबर, 2016 की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस किया था।

दिवस विशेष मनाने के लिए एनसीसी, एनएसएस, सशस्त्र बलों को भी सहयोग लिया जा रहा। पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया जा रहा।

एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर-तरीकों के बारे में छात्र नौजवानों को संबोधित करेंगे। सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्र-छात्राओं को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके स्पीच सेशन का भी आयोजन किया जाना है।

भारत ने सीमापार आंतकवादी के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तो पूरी दुनिया अवाक रह गई थी। ऐसा नहीं था कि इससे पहले ‘लाइन ऑफ कंट्रोल’ के पार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ न की गई हो, लेकिन ये पहली बार था कि भारतीय सेना, दुनिया को साफ-साफ बता रही थी कि वास्तव में उसने ऐसा किया था।

कारण वाजिब था, भारतीय सेना के उरी ठिकाने पर आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला, जिसमें 17 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और दो सैनिकों ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसी के फलस्वरूप सर्जिकल स्ट्राइक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजाजत दी और यह फैसला दुनिया के लिए एक सबक बन गया।