अमेरिकी मैगज़ीन ‘न्यू योर्कर’ ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार की ओर से फिलिस्तीनियों और इजराइल के बीच तथाकथित शांति का प्रस्ताव पर शामिल ‘शताब्दी की डील’ के प्रभाव पर प्रकाश डाली है। मैगज़ीन की रिपोर्ट के अनुसार ‘शताब्दी की डील’ को फिलिस्तीनी राष्ट्र ने संयुक्त रूप से रद्द कर दिया है, जबकि ज्यादातर खाड़ी देश विशेषकर अमेरिकी समर्थित खाड़ी राज्य ईरान के विरोध में आकर उस योजना को स्वीकार कर चुकी हैं।
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शताब्दी की डील भविष्य में फिलिस्तीनी राष्ट्र और खाड़ी देशों के बीच खटास और दुश्मनी के बीज बोने का काम करेगी। मैगज़ीन ‘न्यू योर्कर’ के मुताबिक शताब्दी की डील की सभी डिटेल के बारे में इजरायली नेतृत्व को आगाह कर दिया गया है।
इजरायली प्रधानमंत्री नितेंयाहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच इस हवाले से पूरी भाईचारा पाई जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाड़ी देश अमेरिका से दोस्ती और ईरान से दुश्मनी में आकर ‘शताब्दी की डील’ को स्वीकार कर चुकी हैं, मगर अमेरिकियों और इजराइलियों का मकसद खाड़ी राज्यों और फिलिस्तीनियों के बीच हमेशा के लिए खटास पैदा की जाए।