जामिया की अल्पसंख्यक भूमिका के खिलाफ केंद्र का शपथपत्र सही साबित नहीं हुआ

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया को मिले अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की दर्जा के खिलाफ कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की ओर से दायर शपथपत्र को दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट रिकार्ड में स्वीकार करने के आदेश को वापस ले लिया है। यानी अब केंद्र सरकार की ओर से जामिया के अल्पसंख्यक दर्जा को स्वीकार न करने को लेकर अदालत में दायर शपथपत्र स्वीकार्य नहीं है।

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अदालत ने शपथपत्र को स्वीकार करने वाले अपने आदेश को इस लिए रिकाल किया है क्योंकि केंद्र ने कोर्ट में यह शपथपत्र लगाने से पहले जामिया सहित केस से जुड़े किसी भी पार्टी को शपथपत्र की नो तो कोई कॉपी दी न कोई नोटिस।

गौरतलब है कि इसके खिलाफ जामिया ने कोर्ट में याचिका दायर की है कि उसे बगैर बताये यह शपथपत्र दर्ज किया गया है, जो कानूनी तौर पर बड़ी गलती है, लिहाज़ा उसे रिकाल करे। अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को करेगी।