नई दिल्ली: कई सालों से रोइयत हलाल के मुद्दे पर मतभेद इस हद तक पहुंच गए कि दो रमजान और दो इदें तक मनाई जाने लगीं हैं, लेकिन इस बीच एकजुता की आवाज़ भी उठ रही हैं, और दो अलग अलग मसलक के उलेमा फ़िलहाल इस बात पर सहमत हो गए हैं कि दीन का मजाक न बने।
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इसलिए एक एसी केंद्रीय कमीटी का गठन होना चाहिए जिस में सभी मस्लकों के उलेमा मौजूद हों और एक ही ऐलान पर रमजान और ईद मनाई जाए। इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी रोइयत हलाल कमेटियां एक दुसरे के संपर्क में रहें ताकि कौम को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
आल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत के महासचिव मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी का कहना है कि कुछ दिन पहले पटना में खानकाह मूनअमिया और इमारते शरिया व अन्य संगठनें की एक बैठक हुई थी, जिसमें संयुक्त रूप से फैसला लिया गया था कि रोईयत के मामले पर एक ही फैसला किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह एक केंद्रीय कमीटी का गठन होना चाहिए, जिसमें सभी उलेमा ए किराम शामिल हों और वह सब मिलकर संयुक्त रूप से एक फैसला करें और कौम को बिखरने से बचाया जा सके।