नहीं पसीजा मोदी सरकार का दिल, हलफनामा दाखिल कर कहा- रोहिंग्या मुसलमान भारत में नहीं रह सकतें

रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान भारत में नहीं रह सकते।

केंद्र सरकार ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश जाना ही होगा। वे भारत में नहीं रह सकते। रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हलफनामे में कहा गया है कि सरकार को ये खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ रोहिंग्या मुसलमान आतंकी संगठन के साथ मिले हुए हैं।

इससे पहले जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दाखिल की जा रही याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए।

बता दें कि इससे पहले कुछ दिन पूर्व ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी रोहिंग्या शरणार्थियों को खतरा बता चुके हैं। राजनाथ ने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं गैरकानूनी ढंग से रह रहे विदेशी प्रवासियों से मजबूती से निपटा जायगा।

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बिगड़े हालातों पर चिंता जताई।

गुटेरेस के मुताबिक रोहिंग्या मुसलामानों के साथ जो हो रहा है, वो मानवता के खिलाफ है।

दरअसल, पिछले हफ्ते करीब 1 लाख 25 हजार रोहिंग्या मुसलमान बंग्लादेश पहुंच गए और अब ये आकंड़ा करीब 3 लाख 80 हजार तक पहुंच चुका है।