तिरुवनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार के नए कानून में पशुओं को बेचने और उनके वध करने से संबंधित ऐसा कोई नियम नहीं है, जो लोगों को गोमांस खाने से रोक सके।
युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सुनील द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने कहा कि जिन नियमों के बारे में चर्चा की जा रही है, उनमें गोमांस पर प्रतिबंध जैसा कुछ भी नहीं है।
न्यायमूर्ति के मुताबिक अगर कोई इसे सही से पढ़ता है तो नए आदेश के साथ देश के मौजूदा कानून में इस तरह का कोई जिक्र नहीं है। नए कानून में यह कहा गया है कि पशु बाजार के माध्यम से बड़े पैमाने पर पशुओं को वध के लिए भेजना प्रतिबंधित है।
जब महाधिवक्ता सी.पी. सुधाकर प्रसाद ने मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा नए आदेश पर रोक लगाने के फैसले की ओर ध्यान दिलाया तो मुख्य न्यायाधीश ने आश्चर्य व्यक्त किया। मुख्य न्यायाधीश ने अपना मजबूत रुख अख्तियार किया और याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस लेने की बात की, जिस पर न्यायालय सहमत हो गया।