सरकार ने कश्मीर घाटी में पहली दफा पथराव के जरूम में पकड़े गए नोजवानो के लिए एक माफी योजना की घोषणा की है एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को इस बात की सूचना दी.
केंद्र और राज्य के अधिकारियों के बीच चर्चा बाद इस योजना को जल्द ही अमल में लाए जाने की संभावना है
इस महीने के आखिर में वार्ताकार दिनेश शर्मा की कश्मीर की दूसरी यात्रा से पहले इसे युवाओं पर अच्छे विश्वास के एक शो के रूप में देखा जा रहा है।
शर्मा इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक पूर्व निदेशक थे जिन्हें 23 सितंबर को केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था ताकि कश्मीर समस्या पर सभी हितधारकों के साथ मिल कर एक सकारात्मक बात जीत के ज़रिए कश्मीर समस्या का समाधान निकाला जा सके।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, कि कश्मीर के “हजारों युवकों को एफआईआर का सामना करना पड़ रहा है और हम पहली बार पथराव के जुर्म में पकड़े गए युवाओं के पर एक सद्भावना संकेत के तौर पर मामले वापस ले लेंगे।
शर्मा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने ने कहा कि इस योजना पर अधिक जानकारी का खुलासा किए बिना काम किया जा रहा है और इस बात पर बल दिया कि वह युवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। “मैं युवाओं के बारे में चिंतित हूं क्योंकि वे हैं जो बात करते हैं मैं उनकी मानसिकता को बदलने के लिए ध्यान केन्द्रित करूंगा क्योंकि वे गुस्से में हैं। ”
पिछले जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुहरन वानी की हत्या के बाद घाटी में पथराव की घटना बहुत तेज़ हो गई थी इसको लेकर कश्मीर में चार महीने से ज्यादा चले विरोध प्रदर्शन में सौ से ज्यादा युवा मारे गए थे और हज़ारों नौजवान को पेलेट गण की गोली की वजह से आँख की रोशनी चली गई थी जो नागरिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा का एक प्रतीक बन गया था।