उर्दू अकादमी के नवनियुक्त चैयरमेन मुबीन मुनव्वर ने कहा कि चैयरमेन का पद संभालने के बाद उनकी दिनचर्या बढ़ गई है। ऐसे में वह अपने लक्ष्य, उर्दू को आमजन तक पहुँचाने का भरसक प्रयास करेंगे।
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अगले तीन साल के दौरान हर मुमकिन कोशिश की जाएगी कि प्रदेश में उर्दू का बोलबाला हो। इस क्रम में उर्दू को तालुकों और गांवों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।
अकादमी की दोनों लाईब्रेरी को जिन्दा किया जायेगा ताकि उर्दू के चाहने वालों को वो सुविधा मिले जिसको वह चाहते हैं। पिछले दो-तीन साल से अकादमी के निकलने वाले रिसाले और मैगजीन बंद पड़ी हैं जिनको फिर शुरू करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
उर्दू लेखकों की किताबें भी छपने के किये क़तार में हैं जिनका जल्द प्रकाशन शुरू किया जायेगा। अकादमी में स्टाफ का अभाव है जिसको दूर करने की कोशिश की जा रही है।
आने वाले कुछ समय में यहां काफी कुछ बदला हुआ नजर आएगा, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि किसी भी तरह से दूसरी भाषाओँ से उर्दू पीछे ना रहे। पिछले कुछ समय से उर्दू अकादमी की गतिविधियां ठप सी पड़ी थी लेकिन अब अलग अलग कामों पर हमारा पूरा ध्यान है।
चैयरमेन का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने सम्बंधित विभाग के मंत्री जमीर अहमद से मुलाकात कर हालात पर चर्चा की थी और उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हरसम्भव सहायता अकादमी के कामों के लिए मुहैया कराई जाएगी।
मंत्री से अकादमी के बजट पर भी बात हुई है जिसके लिए उन्होंने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। आगामी कुछ दिनों में राज्य के अलग अलग शहरों में अकादमी की गतिविधियों को चलाने के लिए संभावनाएं तलाश की जाएंगी। अकादमी के विकास को लेकर वे जल्द ही पूर्व चैयरमेन से मुलाकात का सिलसिला शुरू करेंगे।