बुरे फंसे भाजपा नेता, गौशालाओं में हुई गायोंं की मौत की न्यायिक जांच होगी

छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेता की गौशालाओं में हुआ गायों की मौतों की न्यायिक जांच का फ़ैसला सरकार ने किया है । राज्य सरकार ने 16 अगस्त को दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के राजपुर गांव की शगुन गोशाला, 18 अगस्त को बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के गोडमर्रा गांव की फूलचंद गोशाला और रानो गांव की मयूरी गोशाला में पशुओं की अचानक मृत्यु की न्यायिक जांच का फैसला किया है.

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सोमवार को न्यायिक जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। सेवानिवृत्त डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज ए के सामंत रे इस मामले की जांच करेंगें और आयोग तीन महीने के भीतर राज्य शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बेमेतरा जिले में स्थित गोशालाओ में दो सौ से अधिक गायों की मृत्यु हुई है। इस मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता हरीश वर्मा समेत पांच लोगों को गिरफतार कर लिया है, वहीं कई फरार हैं ।

सैंकड़ों गायों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ राज्य गोसेवा आयोग के तत्कालीन पंजीयक और वर्तमान में राज्य स्तरीय पशु चिकित्सालय रायपुर के उपसंचालक शंकर लाल उईके को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है । पशुधन विकास विभाग की ओर से निलंबन आदेश जारी कर दिया गया है । बड़ी संख्या में गायों की मौत के मामले में इससे पहले राज्य में नौ अधिकारियों को निलंबित किया गया था ।

पशुधन विकास विभाग ने विभाग के संयुक्त संचालक एसके पाणिग्रही, सचिव छत्तीसगढ़ राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड और आरजी देवरस पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड रायपुर को छत्तीसगढ़ राज्य गोसेवा आयोग के अतिरिक्त प्रभारों से हटा दिया है. पाणिग्रही को गोसेवा आयोग के सचिव पद के अतिरिक्त प्रभार से और आरजी देवरस को गोसेवा आयोग के पंजीयक पद के अतिरिक्त पद से हटाया गया है.

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ गोसेवा आयोग के चार अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है. अधिकारियों ने बताया है कि छह मई साल 2016 को इन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी. इनमें भाटापारा के रमेश यदु, लोरमी के धनीराम यादव, राजनांदगांव के दीनदयाल यादव और अम्बिकापुर के सेवा राम अग्रवाल शामिल हैं ।

इन सदस्यों की नियुक्ति निरस्त करने के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि दुर्ग और बेमेतरा जिले की तीन गोशालाओं में अधिक संख्या में गायों की मृत्यु के मामले में गोशालाओं का समुचित प्रबंधन नहीं होना पाया गया। इस स्थिति में इन चारों अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई है।

राज्य सरकार ने इस घटना के बाद गोशालाओं की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई गई है । इस उप समिति में कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल को शामिल किया गया है ।