नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने घाटी के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि हम कश्मीर को खोने के कगार पर हैं। चिदंबरम ने कहा है कि कश्मीर में हथियार उठाने वालों और इसे (कश्मीर) पाकिस्तान के साथ मिलाने की मांग करने वालों की संख्या केवल सैकड़ों में है, जबकि कश्मीरी जनता का भारी बहुमत स्वतंत्रता की मांग करता है।
उन्होंने कहा कि जहां राज्य में पीडीपी और भाजपा की मौजूदा सरकार बेबस नजर आ रही है, वहीं सशस्त्र बलों ने असंतोष और गड़बड़ी पर काबू पाने के बल का उपयोग कर रही है।
पी चिदंबरम ने इन बातों का इज़हार अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस में छपने वाले अपने संडे कॉलम में किया है। उन्होंने कश्मीर के मौजूदा हालात में सुधार लाने के लिए राज्य में राज्यपाल शासन लागू करने, अलगाववादियों के साथ बातचीत करने और सुरक्षा बलों की संख्या कम करने सहित 5 सूत्री सुझाव पेश किये हैं।
उन्होंने कहा है कि कश्मीरी जनता की बेगानगी लगभग पूरी हो चुकी है। हम बल के इस्तेमाल की नीति, मंत्रियों के कड़े बयान, अधिक सैनिकों की तैनाती या प्रदर्शनकारियों को मारने से सूरतेहाल पर काबू नहीं पा सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर ने अच्छा दौर भी देखा है और बुरा दौर भी, लेकिन मौजूदा दौर अब तक का सबसे खराब दौर दिख रहा है’।
पी चिदंबरम ने हालिया संसदीय उपचुनाव में सबसे कम मतदान प्रतिशत को कश्मीरी जनता का राज्य और केंद्र सरकारों पर अविश्वास करार दिया।