कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक मजाक एवं बहुत अधिक अपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसे एक देश एक कर नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसमें सात या अधिक कर दरें हैं।
चिदंबरम ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस कर दरों में कटौती और इस पर 18 प्रतिशत की सीमा लगाने की मांग करती है। पार्टी ने पेट्रोलियम, बिजली एवं रियल एस्टेट को भी इस नयी कर प्रणाली के तहत लाये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा, यह बहुत बहुत अपूर्ण कानून है। यह वह कानून नहीं है जिसकी हमनें (यूपीए ने) परिकल्पना की थी। बहरहाल जो लागू किया है, उसमें सात या संभवत: अधिक दर हैं।
यह जीएसटी का मजाक है। उन्होंने सवाल किया, जब 0.05, 3,5,12,18,28 एवं 40 या संभवत: उससे अधिक दरें हैं क्योंकि राज्य सरकारों के पास विवेकाधिकार होगा, हम इसे एक देश एक कर प्रणाली कैसे कह सकते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के लागू होने पर लगातार निगाह रखेगी और छोटे एवं मझोले व्यापारियों एवं बहु राज्यीय व्यसायों एवं उपभोक्ताओं की चिंताओं को उठाती रहेगी।
चिदंबरम ने कहा, भाजपा सरकार को सभी राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद कर की तीन दरों पर सहमति बनानी चाहिए थी। किन्तु सरकार इसमें बुरी तरह विफल हो गयी।
यदि यह जीएसटी कांग्रेस की यूपीए सरकार ने बनायी होती तो निश्चित ही हम एक टैक्स दर (तीन स्लैब के साथ) के लिए प्रतिबद्धता से काम करते।