उत्तर प्रदेश के एटा जिले में इलाज के अभाव में एक बच्चे ने दम तोड़ दिया। बच्चा कुपोषण का शिकार था। उसके परिजन इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए थे लेकिन डॉक्टर के समय पर नहीं उसका इलाज सही समय पर नहीं हो सका। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है।
खबरों के मुताबिक, एटा जिले के रिजोर गांव की रहने वाली अनीता देवी ने अपने छह माह के बच्चे को चार दिन पहले स्थानीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
अनीता ने बताया कि शुक्रवार रात को जब बच्चे की तबियत अधिक बिगड़ गई तब वार्ड की नर्स भूमिका चौहान बच्चे को लेकर इमरजेंसी में डॉक्टर एन.एच. तोमर को दिखाने पहुंची। लेकिन उस समय डॉक्टर ड्यूटी से गायब थे।
इसी बीच उनके बच्चे की हालत और बिगड़ने लगी। उसे ऑक्सीजन की तुरंत जरूरत थी, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाया। इसके बाद जब हालत बेकाबू हुआ तो अस्पताल की तरफ से बच्चे को रेफर करने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी नहीं हो सकी।
इसी बीच डॉक्टर तोमर अस्पताल पहुंचे जबतक देर हो चुकी थी। रात के 10 बजे बच्चे ने अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया।
अस्पताल में भूमिका चौहान नाम की नर्स ने बताया कि वह बच्चे अमित की तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर एन.एच. तोमर को दिखाने को ले गई थी लेकिन वो ड्यूटी पर देर से आए। वो साढ़े नौ बजे आए थे, तब तक बच्चे की हालत काफी बिगड़ गई थी।
कुपोषण वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर आता ही नहीं है। मरीजों की कोई नहीं सुनता।
वहीं दूसरी तरफ बच्चे की मौत की सूचना जिलाधिकारी अमित किशोर को मिलने के बाद उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रे जांच के आदेश दिए हैं।