मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने साफ किया कि Anti Child Marriage Act बेटियों की फलाह को ध्यान में रखते हुए और यह मुस्लिम पर्सनल लॉ पर भी कायम है।
हाईकोर्ट ने यह एहसास व ख्याल रखते हुए मुफाद ए आम्मा की अर्जी खारिज कर दी, जिसमें हुकूमत व इंतेज़ामिया को हिदायत देने की मांग थी कि वे Anti Child Marriage Act के तहत 18 साल से कम की मुस्लिम बेटियों की शादी में दखलंदाजी नहीं करे।