गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी से हुए बच्चों की मौत के बाद यूपी के स्वस्थ मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के शर्मनाक बयान की खूब आलोचना हुई थी। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि अगस्त में बच्चे मरते ही हैं।
बहरहाल, स्वस्थ मंत्री की बात सच साबित भी हुई है और अगस्त में बच्चों की मौत और प्रशासन की लापरवाही का सिलसिला जारी है। इस बीच अब गोरखपुर के एक न्यूज़ पोर्टल रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसके मुताबिक़ अगस्त के बाद सितम्बर भी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक़, इस साल सितम्बर में पिछले साल के मुकाबले मासूम बच्चों की अधिक मौते हुई हैं।
रिपोर्ट कहती है कि सितम्बर के 27 दिनों में बीआरडी मेडिकल कालेज में 389 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि पिछले वर्ष 372 बच्चों की ही मौत हुई थी।
इन बच्चों में 222 नवजात शिशुओं की मौत हुई है। वहीँ इंसेफेलाइटिस उर दूसरी कई बीमारियों से मरने वाले बच्चों की तादाद 167 है।
रिपोर्ट कहती है कि पिछले महज़ पांच दिनों में एनआईसीयू और पीआईसीयू में 78 बच्चों की मौत हो गई।