बी जे पी ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि पार्टी के लिए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के श्रीलंका में हीने वाले कॉमनवेल्थ हेडस आफ़ गर्वनमेंट मीटिंग (CHOGM) में शिरकत की ताईद करना उस वक़्त तक मुश्किल है जब तक मर्कज़ी हुकूमत कान्फ़्रेंस में शिरकत केलिए अपने एजंडा को वाज़िह ना करदे।
तमिलनाडू केलिए पार्टी इंचार्ज और क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी पी मुरलीधर राव ने अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए कहा कि बी जे पी ने अब तक Chogm में शिरकत से मुताल्लिक़ किसी मौक़िफ़ को क़तईयत नहीं दी है क्योंकि मर्कज़ ने भी अब तक अपने एजंडा को ज़ाहिर नहीं किया है।
हक़ीक़ी तौर पर देखा जाये तो हिंदुस्तान को CHOGM में शिरकत ही नहीं करनी चाहिए। मज़ीद एक कान्फ़्रेंस होगी, बातचीत होगी, ज़याफ़तें होंगी और तमाम लीडरान अपने अपने ममालिक वापिस चले जाऐंगे। हिंदुस्तान वहां शिरकत करके क्या करने वाला है, क्या कहने वाला है, क्या सख़्त मौक़िफ़ अपनाने वाला है, इस के बारे में कोई वज़ाहत ही नहीं की गई है तो हम भला अपना मौक़िफ़ कैसे ज़ाहिर करें।
मुरलीधर ने कहा कि सिवाए तमिलनाडू के मुफ़ाद कोई और वजह समझ में नहीं आती कि हिंदुस्तान CHOGM में शिरकत करे। अगर आप तामिल बाशिंदों के मुफ़ाद में कुछ कहना चाहते हैं तो उस को ज़ाहिर करें। इस तरह एजंडा को मख्फ़ी रखते हुए भला कान्फ़्रॆंस में शिरकत का मक़सद कैसे हासिल होसकता है। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के पास इन तमाम सवालों के कोई जवाब नहीं हैं और बगै़र जवाब देते हुए अगर वो श्रीलंका जा रहे हैं तो बी जे पी उन की ताईद नहीं करसकती। कान्फ़्रेंस में तामिल बाशिंदों के मुआमला को उठाना कोई ग़ैर मुंसिफ़ाना बात नहीं है।