उनसे मुकाबला करने से असहज तथ्यों को दफन करना आसान है तो 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क और वाशिंगटन-डीसी पर के हमलों को चिन्हित करने वाले समारोहों में मृतकों का सम्मान होगा।
मैनहट्टन में, पर्यटक आदि जमा होंगे जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर था। सेवाएं इस विचार को प्रतिबिंबित नहीं करतीं कि हमलों को रोक दिया जा सकता लेकिन सैकड़ों परिवारों और पूर्व एफबीआई एजेंटों की बढ़ती संख्या के लिए 9/11 के दूसरे समारोह का दुख मुश्किल से मूक क्रोध से लगी होगी।
नई किताब में खुलासा : हमले के बारे में उच्च पूर्व अमेरिकी और सऊदी अधिकारियों के बीच मौन की साजिश बनी हुई है। यह भयानक है। हम अभी भी नहीं जानते कि क्या हुआ, प्रमुख एफबीआई आतंकवाद विरोधी एजेंटों में से एक अली सऊफान ने कहा कि सीआईए ने अल-कायदा के अपहरणकर्ताओं के आंदोलनों के बारे में अंधेरे में रखा था।
सऊफान और कई अन्य पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के लिए 11 सितंबर, 2001 तक की घटनाओं के बारे में अनुत्तरित प्रश्न हैं क्योंकि 9/11 की घटना ने पूरी दुनिया को बदल दिया। इसने न केवल अफगानिस्तान और इराक के हमलों, मध्य पूर्व के फ्रैक्चरिंग और इस्लामी आतंकवाद के वैश्विक विकास के कारणों को प्रेरित किया बल्कि अमेरिका को वर्चुअल मातृभूमि-सुरक्षा पुलिस राज्य के करीब धकेल दिया।
सीआईए की ओसामा बिन लादेन इकाई को सौंपा गया दो एफबीआई एजेंटों में से एक मार्क रॉसीनी ने कहा कि मैं इसके बारे में उदास और उदास हूं। यह स्पष्ट है कि न्याय नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ ने उस समय कहा है कि अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट से 9/11 के हमले को लेकर सऊदी अरब पर लग रहे आरोप साफ हो सकते हैं। ब्रेनन के अनुसार इस हमले को लेकर 2002 में अमेरिकी कांग्रेस ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के 28 पन्नों के गुप्त रखे जाने से अटकलें लगाई जा रही थीं कि हमले को आधिकारिक रूप से सऊदी सरकार का समर्थन हासिल था।