CJI यौन उत्पीड़न मामला : 3 जजों वाली जांच कमेटी ने रंजन गोगोई को दी क्लीन चिट

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में जांच कर रही समिति ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. खबरों के मुताबिक तीन जजों वाली इस जांच समिति ने यह भी कहा है कि चीफ जस्टिस के खिलाफ लगाए गए आरोपों में ‘कोई दम नहीं’ था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ही एक बर्खास्त महिला कर्मचारी की शिकायत पर शीर्ष अदालत के जस्टिस एसए बोबडे के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच समिति का गठन हुआ था. इसमें सुप्रीम कोर्ट की ही दो महिला जजों जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी को भी शामिल किया गया था.

इस जांच समिति ने इसी महीने की पांच तारीख को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. साथ ही इसकी एक प्रति चीफ जस्टिस के पास भी भेजी गई थी. इधर, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि जांच समिति की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा.

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इसे पहले बीते हफ्ते इस समिति के समक्ष पेश होकर रंजन गोगोई ने अपना पक्ष रख था. वहीं उन पर आरोप लगाने वाली महिला ने बीते हफ्ते ही इस समिति की जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया था. तब उसने तर्क दिया था कि जांच करने वाली समिति के जज चीफ जस्टिस के अधीनस्थ काम करते हैं. ऐसे में उसे इस समिति से न्याय मिल पाने की उम्मीद नहीं है.

उधर, बीते महीने खुद पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद गोगोई ने उसे साजिश करार दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि ऐसा करके कोई चीफ जस्टिस की शक्तियों को निष्क्रिय करने का प्रयास कर रहा है. उनका यह भी कहना था कि करीब दो दशक तक जज रहने के बाद उनका बैंक बैलेंस 6.80 लाख रुपये का है. कोई उन्हें ‘धन’ के मामले में नहीं पकड़ सकता. इसलिए उनके खिलाफ दूसरी चीजें तलाश करने वालों को यह (यौन उत्पीड़न का मामला) मिल गया.