मोदी सरकार की अडानी पर एक और मेहरबानी, DRI ने की कालेधन के खिलाफ़ चल रही जांच बंद

डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेसलिजेंस (डीआरआई) ने गौतम अडानी को बड़ी राहत दी है । डीआरआई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल केवीएस सिंह ने अडानी के ख़िलाफ़ काले धन के मामले में चल रही जांच को बंद करने का आदेश जारी किया है।

डीआरआई का आरोप है कि अडानी समूह ने दुबई में एक शेल कंपनी (मतलब अपनी ही कंपनी) का उपयोग करके महाराष्ट्र में बिजली परियोजना के लिए कई सौ करोड़ के उपकरण का आदेश दिया और इस दुबई वाली कंपनी ने दक्षिण कोरिया से ये सामान सस्ती कीमतों में लेकर भारत में अडानी की कंपनी को ज़्यादा कीमत में बेचा । काला धन जमा करने का ये तरीका कंपनियां अकसर इस्तेमाल करती हैं ।

लेकिन 22 अगस्त को पारित किए गए 280 पेज के फैसले को लेकर के वीएस सिंह ने कहाकि वो विभाग के मामलों से सहमत नहीं हैं कि सामानों के मूल्यों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है।

द हिन्दू अखबार के मुताबिक सीपीआई (एम) सांसद एमबी राजेश ने ऊर्जा की स्थायी समिति के सामने इस मामले को लेकर सवाल उठाया था । केंद्रीय ऊर्जा सचिव अजय कुमार भल्ला से इस मामले में पूछा था कि विद्युत मंत्रालय इस मामले में क्या कर रहा है।

कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने 5 फरवरी 2013 को अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी द्वारा मशीनरी के आयात पर इम्पोर्ट में रसीदों कि गड़बड़ी मामले कि जाँच शुरू की थी । डीआरआई ने इस मामले में 97 पृष्ठों का कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन अब इस मामले की जांच बंद करने का आदेश दिया गया है ।

केंद्र सरकार पर पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी होने की वजह से गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं । इस मामले को भी इसी मदद से जोड़कर देखा जा रहा है ।