हरियाणा के मेवात जिले के अल्पसंख्यकों के लिए खुशखबरी। अल्पसंख्यकों को उच्च शिक्षा के लिए अब बड़े शहरोंं की दौड़ नहीं लगानी होगी। किशनगढ़बास क्षेत्र के कोलगांव में अल्पसंख्यक विभाग एक हजार से ज्यादा करोड़ की लागत से मौलाना आजाद एजूकेशन फाउंडेशन नाम से उच्च शिक्षण संस्थान खोलेगा। इसके प्रारंभिक चरण में करीब 1400 छात्र-छात्राओं को अध्ययन को मौका मिल सकेगा।
जिले में मेवात का बड़ा हिस्सा शामिल होने के कारण केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलात विभाग ने किशनगढ़बास के कोलगांव में राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान मौलाना एजूकेशन फाउंडेशन को मंजूरी दी है। प्रस्ताव की प्री प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसमें एक हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। प्रस्ताव के प्रथम चरण में 650 करोड़ रुपए की लागत से संस्थान का भवन एवं अन्य आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान में करीब 45 विषयों के अध्ययन की सुविधा होगी। इसमें उच्च स्तरीय तकनीकी, कम्प्यूटर, स्किल डवलपमेंट सहित अन्य शिक्षण कार्य हो सकेंगे। यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा और इसमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप भी देने का प्रावधान होगा। संस्थान में अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहें
अलवर, भरतपुर व हरियाणा के मेवात को उच्च शिक्षण संस्थान खुलने से फायदा मिलेगा। पूर्व में यहां अल्पसंख्यकों को उच्च शिक्षा के लिए कोई बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं था। युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाना पड़ता था। अब यह सुविधाएं उन्हें किशनगढ़बास के कोलगांव में उपलब्ध हो सकेगी।
राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान खुलवाने की रेस में राजस्थान के अलावा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में भी रेस में थे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक विभाग ने राजस्थान के अलवर जिले में यह संस्थान खोलने को मजंूरी दी है। यह संस्थान अल्पसंख्यकों के लिए उच्च शिक्षा का पहला संस्थान होगा, जिसमें अलवर जिला ही नहीं, बल्कि देश विदेश के छात्र अध्ययन के साथ शोध आदि कर सकेंगे।
देश भर में ऐसे 6 संस्थान खोले जाने हैं। यह संस्थान प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत स्वीकृत किया गया है। संस्थान की प्री प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, वहीं अंतिम प्रोजेक्ट रिपोर्ट चार सप्ताह में मिलने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए केरल, बैग्लुरू व दक्षिण भारत की एक अन्य कम्पनी मौके पर सर्वे भी कर चुकी हैं।
मौलाना आजाद एजूकेशन फाउंडेशन के लिए जिला कलक्टर को 15 एकड़ जमीन आवंटित करने की एवज में एक करोड़, 20 लाख 50 हजार रुपए का चेक सौंपा जा चुका है। जिला कलक्टर ने संस्थान को 15 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है।
संस्थान को स्थापित करने के लिए 60 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। शेष 45 एकड़ जमीन के लिए राज्य सरकार से सस्ती दर पर आवंटन के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार के किसी भी प्रोजेक्ट के लिए निशुल्क जमीन नहीं देने का प्रावधान है। इस कारण स्थानीय स्तर पर जमीन आवंटन के प्रयास जारी हैं।