केरल में आई विनाशकारी बाढ़ से उबरने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सरकार से लेकर गैर सरकारी संस्थाएं मदद के लिए आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार ने बाढ़ से उबरने के लिए 600 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।
राज्य सरकारों ने भी आर्थिक मदद की घोषणा की है।वहीं मुख्यमंत्री पिनारय विजयन ने बाढ़ राहत कोष के लिए मलेशियावासी से एक महीने के वेतन देने की मांग की है।
मुख्यमंत्री विजयन ने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिख कर दुनियाभर में फैले मलेशियावासियों से एक महीने की सैलरी देने की मांग की है। फेसबुक पर अपनी पोस्ट लिखते हुए विजयन ने कहा, “अगर दुनिया भर में मलेशिया के लोग एकजुट हो जाते हैं तो हम किसी भी बाधा को दूर करने में कामयाब हो सकते हैं।
केरल के पुनर्निर्माण के लिए पैसा बाधा नहीं होगी। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि हर कोई एक महीने का वेतन एक साथ नहीं दे पाएगा। इसके लिए दस महीने का समय है। दस महीनों में सभी लोग एक-एक माह का वेतन दे सकते हैं।
गौरतलब है कि केरल में विनाशकारी बारिश और बाढ़ से अभी तक 293 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं लाखों लोग बेघर हो गए हैं। राज्य को 512 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। बाढ़ से प्रभावित राज्य को विभिन्न राज्यों, केंद्र सरकार, संगठनों और लोगों ने वित्तीय सहायता दी है।
वहीं राज्य में बाढ़ से निपटने के लिए विदेशी चंदे लेने से इनकार कर दिया गया है। संयुक्त अरब अमीरात की ओर से 700 करोड़ रुपए की मदद पेशकश करने पर भारत ने चंदा लेने से मना कर दिया।
विदेश मंत्रालय ने 2004 सुनामी के बाद यूपीए सरकार द्वारा बनाई गई आपदा सहायता नीति का हवाला देते हुए विदेशी फंड लेने से इनकार कर दिया। वहीं विपक्ष ने केंद्र के इस फैसला का विरोध किया। कुछ विपक्षी दलों की मानें तो आपदा के लिए विदेशी पैसे लेने में कोई दिक्कत नहीं है।