उत्तराखंड के हल्द्वानी में दरिंदगी की शिकार हुई सात साल की बच्ची के वालिद सीएम की ओर से दस लाख रुपये देने के ऐलान पर काफी मायूस हैं। रोते हुए वालिद ने पूछा कि क्या सीएम उनकी बेटी के बलात्कार की कीमत लगा रहे हैं? क्या किसी के कत्ल और बलात्कार की भरपाई पैसों से हो सकती है?
अगर सीएम बलात्कारी को सौंप दें तो हम 50 लाख देने को तैयार हैं। कहा कि इस मामले में इंतेज़ामिया और निज़ाम का रवैया बेहद अफसोस जनक रहा है।
रोते हुए बोले कि वाकिया के सात दिन बाद भी सीएम तसल्ली देने के लिए उनके पास नहीं आए। दबाव पड़ने पर उन्होंने ऐलान कर दिया दी कि वह सरकार की तरफ से दस लाख मुआवजा देंगे। वालिद ने मुआवजे को ठुकरा दिया और कहा कि उन्हें कातिल और बलात्कारी चाहिए, मुआवजा नहीं।
बेटी के वालिद ने आगे कहा कि अगर सीएम बलात्कारी उन्हें सौंप दें तो वह 50 लाख देने को तैयार हैं। जब तक बलात्कारी गिरफ्तार नहीं होता तब तक वह हल्द्वानी में आवाम के साथ रहेंगे। वालिद की बातें सुनकर वहां खड़े कई लोगों की आंखें डबडबा गईं। लोग लाडली की हिमायत में नारे लगाने लगे।
वालिद ने कहा कि यहां बेटी के अगवा होने के बाद जनता ने उनका भरपूर साथ दिया, जबकि पुलिस लापरवाही बरत रही है। बेटी के अगवा के दूसरे दिन उनके बड़े भाई ने ट्रक ड्राइवर को पकड़ लिया था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
अब पुलिस उसी ड्राइवर को ढूंढ रही है। पूछने पर पता चला कि यहां ड्रावर का पता किसी के पास नहीं है। बड़े ताऊ ने इस मामले में बाहर से आए लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन करने की मांग की है। सहाफियों के सामने वालिद अपनी लाडली को याद कर फफक कर रोने लगे। इसके बाद वहां मौजूद लोग वालिद और ताऊ को संभालकर ले गए।