बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी के बाद दहेज प्रथा और बाल विवाह के ख़िलाफ़ मुहिम चलाना आरम्भ किया है। आजकल नीतीश कुमार सभी लोगों से इन ग़लत रीवायतों से दूर रहने की अपील करते नज़र आ रहे हैं।
पटना में अम्बेडकर जयंती के अवसर पर शुक्रवार को जनता दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नीतीश ने दलित समुदाय के लोगों से दहेज प्रथा और बाल विवाह से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि दहेज़ प्रथा के खिलाफ अभियान अब उनकी प्राथमिकता हैं और दहेज़ प्रथा और बाल विवाह पर अंकुश लगाने में कामयाब हुए तो समाज में बहुत सारी समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
नीतीश ने कहा कि जातियों के आधार पर जो भेदभाव हैं, उसे समाप्त करना है। इसके लिए सबसे बड़ी चीज है कुरीतियों को न अपनाएं दहेज़ प्रथा की तरफ हमें नहीं जाना है।
नीतीश ने दलित समुदाय के लोगों से कहा कि संकल्प लीजिए शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो। नीतीश कुमार ने दहेज के चलन की जोरदार आलोचना करते हुए लोगों से आग्रह किया कि वह दहेज के लेनदेन वाली शादियों में शामिल न हों।
हालांकि नीतीश ने सामाजिक रूप से बहिष्कार के अलावा अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया हैं कि आखिर दहेज़ प्रथा के खिलाफ अपने अभियान को वे तार्किक परिणीति तक कैसे पहुंचाएंगे, लेकिन उनकी पार्टी के नेता मानते हैं कि शराबबंदी की तुलना में दहेज़ और बाल विवाह के खिलाफ अभियान पर भाषण देना आसान हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर लागू करना उतना ही मुश्किल है।