महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी युवाओं से ‘अमन’ के बदले नौकरी देना का किया वादा

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर घाटी में हिंसा का रास्ता छोड़ने और शांति व्यवस्था की स्थापना में सहयोग करने वाले युवाओं को नौकरी की पेशकश की है। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो तीन महीनों में एक दर्जन स्थानीय लड़ाकों ने बंदूकें छोड़ कर अपने घरों की राह पकड़ ली।

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मुफ्ती ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर पार्टी के युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा “तुम्हारे साथ मेरी जान पहचान नई नहीं है।आज मेरे पीछे बड़ी संख्या में गार्ड खड़े हैं। लेकिन जब मैं तुम्हारे गांवों का दौरा करती थीं तो एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मेरे लिए ढाल बनते थे। मुझे दुख है कि जो युवा मेरे दाएं और बाएं होते थे, आज उनके हाथों में पत्थर क्यों हैं?

मैं यह कहना चाहती हूँ कि आप शांति बनाए रखने में मेरा सहयोग कीजिए। मैं प्रधानमंत्री को यहां आने के लिए दावत दूंगी और उनसे कहूँगी कि वह मेरे युवाओं के लिए रोजगार दें।

महबूबा मुफ्ती ने युवाओं की बतौर स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स भर्ती का जिक्र करते हुए कहा कि हमने हाल ही में एसपीओ की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। हम इसका उपयोग पर्यटन विभाग और यातायात में करेंगे। उन्हें बंदूकें नहीं दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो तीन महीनों में एक दर्जन स्थानीय लड़ाकों ने बंदूकों छोड़कर अपने घरों की राह पकड़ ली है।

मुफ्ती ने कहा कि मैंने दो महीने पहले यूनीफ़ाइड हेड कवार्टर की बैठक की। मैंने उन्हें (सुरक्षा अधिकारियों को) बताया कि स्थानीय लड़के जिनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, को वापस लाने के प्रयास किए जाएं। मुझे खुशी है कि पिछले दो तीन महीनों के दौरान एक दर्जन लड़ाके वापस अपने घरों को लौट आए। मैं नहीं कहूँगी कि इन युवकों ने सरेंडर किया बल्कि यह कहूँगी कि वे अपने घरों को लौट आए हैं, क्योंकि मेरे लिए वह मेरे परिवार के सदस्य हैं। अगर उन्होंने बंदूकें छोड़ी हैं तो यह हमारे लिए अच्छी बात है।