सद्भावना का परिचय: वडोदरा के हनुमान मंदिर में भक्तों के लिए गाए गए क़व्वाली!

हर साल सावन के महीने में वडोदरा के तरसाली का हनुमान मंदिर भक्तों द्वारा हनुमान चालीसा और मंत्रोच्चार से गूंज उठता है। लेकिन आने वाला शनिवार बेहद खास है। इस दिन पवनपुत्र के पराक्रम का यशगान करते हुए मुस्लिमों का एक समूह सुरीली कव्वाली सुनाकर भक्तों का मन मोहेगा। मंदिर ट्रस्ट ने इस विशेष आयोजन के लिए कव्वालों को न्योता दिया है।

इस अनूठी पहल की शुरुआत करने वाले श्री मारुति मंडल के अध्यक्ष राकेश पटेल का कहना है कि वह इस आयोजन के जरिए समाज में सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश फैलाना चाहते हैं।

तरसाली में भाग्यभाई के नाम से मशहूर पटेल का कहना है, ‘अगर हम अपने आस-पास देखें तो पाएंगे कि लोग एक-दूसरे से सांप्रदायिक और जाति के मसलों पर संघर्ष कर रहे हैं। हम अलग-अलग धर्मों के ईश्वर को लेकर विवाद में उलझे रहते हैं लेकिन भगवान कभी अपने भक्तों में भेदभाव नहीं करते हैं।’

हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब पटेल से यह पूछा कि क्या मंदिर परिसर में किसी ने कव्वाली का कार्यक्रम आयोजित किए जाने का विरोध किया, तो उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने उनके फैसले का समर्थन किया। शनिवार को मंदिर में तकरीबन दो घंटे तक कव्वाली का आयोजन होगा।

यह हनुमान मंदिर एक झील के किनारे स्थित है। 3,000 की आबादी वाले इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के 500 लोग रहते हैं। खास बात यह है कि इस मंदिर में हर शनिवार को हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग भी मत्था टेकते हैं और मंदिर ट्र्स्ट को खुले दिल से दान करते हैं। यहां होने वाले हनुमान चालीसा के पाठ में मुस्लिम भी हिस्सा लेते हैं।

राकेश पटेल ने टीओआई को बताया, ‘इस शनिवार को मुस्लिम कव्वालों को हिंदू श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कव्वाली गाने के लिए बुलाया गया है। उनके साथ हिंदू श्रद्धालु भी इस जश्न में शिरकत करेंगे। हम सभी एक साथ प्रार्थना करेंगे।’

पाडरा और जंबूसर से आने वाला कव्वालों का ग्रुप मंदिर में इस दौरान कव्वाली के रूप में भक्ति गीत गाएगा। पटेल कहते हैं, ‘जब वे ख्वाजा (मोइनुद्दीन चिश्ती) की तारीफ में कव्वाली सुनाते हैं, तो मुझे पूरा यकीन है कि उनकी प्रार्थना ईश्वर तक पहुंचेगी, जो एक है। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होंगे।’

साभार- ‘नवभारत टाइम्स’