योगी सरकार ने रखा ‘इलाहाबाद’ का नाम बदलने का प्रस्ताव, कांग्रेस ने बोला हमला

एक तरफ यूपी की योगी सरकार इलाहाबाद का नाम जल्द ही बदलकर प्रयागराज करने की कवायद में लगी हुई है वहीं सरकार के इस फैसले पर कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने अपना विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा, ”बीजेपी सरकार काम कोई नहीं करती है बस नाम बदलने पर भरोसा रखती है. इलाहाबाद का एक इतिहास, सभ्यता और प्रशासनिक वजूद रहा है उसको ख़त्म किया जा रहा है. हम लोगों को उसकी गरिमा को कम होने से रोकना चाहिए.”

 

प्रमोद तिवारी ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर योगी सरकार क्या करना चाहती है ये तो वो ही जानें. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि वो नाम बदलने से पहले इलाहाबाद की खोई हुई राजनीतिक, सांस्कृतिक और  प्रशासनिक गरिमा है उसे वापस कर दें.

 

बता दें कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के प्रस्ताव पर कुंभ मेले की मार्गदर्शक समिति ने भी मुहर लगा दी है. गवर्नर राम नाइक की अध्यक्षता में इलाहाबाद के सर्किट हाउस में हुई बैठक में सीएम योगी ने इसका प्रस्ताव रखा था. सीएम योगी के इस प्रस्ताव पर गवर्नर राम नाइक ने भी मुहर लगा दी और प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से पास कराकर अपने पास भेजने को कहा.

 

बता दें कि इलाहाबाद में यूपी सरकार के कई विभागों के मुख्यालय हैं इससे इस शहर के अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है. इस शहर का प्राचीन नाम प्रयाग भी है. प्रयाग को तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है.

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और अखाड़ों के साधू-संतों की मौजूदगी में सीएम योगी ने प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखे जाने का एलान किया है. उन्होंने बैठक में मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो दशहरे से पहले होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी. बैठक के लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती को भी न्यौता भेजा गया था, लेकिन वह दोनों ही इलाहाबाद नहीं आए.