कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता सलमान खुर्शीद के उस बयान से असहमति जताई है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पूनिया ने कहा, ‘सलमान खुर्शीद पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जो बयान उन्होंने दिया है उससे कांग्रेस की असहमति है।’
पूनिया ने कहा, ‘मोदी सरकार में समाज को बांटने की जो राजनीति हो रही है उसमें नेताओं को इस तरह के आधारहीन बयान नहीं देने चाहिए।” यह पूछे जाने पर कि क्या खुर्शीद पर कोई करवाई होगी, पूनिया ने कुछ नहीं कहा।
Congress disagrees with statement of Salman Khurshid in toto.Everyone must know that both prior&post independence Congress is only party which has worked towards building an egalitarian society by carrying all sections of ppl together as also religiousðnic minorities: PL Punia pic.twitter.com/3TdZNQoIy1
— ANI (@ANI) April 24, 2018
खुर्शीद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनिया ने कहा, ‘सभी को यह मालूम होना चाहिए कि आजादी से पहले और बाद में भी कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी रही है, जिसने एक समानतावादी समाज बनाने की दिशा में काम किया है. कांग्रेस ही सिर्फ एक ऐसी पार्टी है जो समाज के सभी वर्गों और लोगों को साथ लेकर चलती आई है।’
बता दें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अंबेडकर हॉल फंक्शन में एक छात्र द्वारा पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘यह राजनीतिक सवाल है।
हमारे दामन पर खून के धब्बे हैं। कांग्रेस का मैं भी हिस्सा हूं तो मुझे मानने दीजिए कि हमारे दामन पर खून के धब्बे हैं।’’ उन्होंने कहा कि क्या आप यह कहना चाहते हैं कि चूंकि हमारे दामन पर खून के धब्बे लगे हुए हैं, इसलिए हमें आपके ऊपर होने वाले वार को आगे बढ़कर नहीं रोकना चहिए?
खुर्शीद ने प्रश्नकर्ता की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘हम ये धब्बे दिखाएंगे ताकि तुम समझो कि ये धब्बे हम पर लगे हैं, लेकिन यह धब्बे तुम पर ना लगें।
तुम वार इन पर करोगे, धब्बे तुम पर लगेंगे। हमारे इतिहास से सीखो और समझो। अपना हश्र ऐसा मत करो कि तुम 10 साल बाद अलीगढ़ यूनीवर्सिटी आओ और आप जैसा कोई सवाल पूछना भी ना मिले।
पूर्व विदेश मंत्री से आमिर नामक एक छात्र ने सवाल पूछा था कि मलियाना, हाशिमपुरा, मुजफ्फरनगर समेत ऐसे स्थानों की लम्बी फेहरिस्त है जहां कांग्रेस के शासनकाल में साम्प्रदायिक दंगे हुए।
उसके बाद बाबरी मस्जिद का ताला खुलना और फिर उसकी शहादत, जो कांग्रेस के शासनकाल में ही हुई। कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के इन तमाम धब्बों को आप किन शब्दों के जरिये धोएंगे।