बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष, फ्रीलांस राइटर और कांग्रेसी नेता चंचल सिंह को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। चंचल पर 1978 में तत्कालीन डीएम से झड़प करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप है। धारा 353 के तहत 1986 से कई बार वारंट जारी किया गया था। आखिरकार पुलिस ने इस बार गिरफ्तारी की कार्रवाई की। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। अचानक से पुलिस की सक्रियता पर चंचल के करीबी चौंक रहे हैं। कहा जा रहा कि मोदी सरकार के आने के बाद से चंचल काफी मुखर होकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख रहे थे। उनके समर्थकों का कहना है कि इसी से खुन्नस खाकर सत्तापक्ष के लोगों ने बरसों पुराना मामला खुलवाकर जेल भिजवाया।
आपको बता दें कि मामला 1978 का है। जौनपुर के चंचल सिंह तब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष थे। उनकी तूती बोलती थी। वे अपने गृह निवास महराजगंज ब्लॉक मुख्यालय पर साथियों के साथ बैठे थे। इतने में उनके एक परचित भारत यादव पहुंचे। उन दिनों सीमेंट की किल्लत थी और उसका परमिट मजिस्ट्रेट के स्तर से ही मिलता था। संयोग से तत्कालीन डीएम टीडी गौड़ ब्लाक का मुआयना करने पहुंच गये। डीएम से मिलकर भारत यादव ने चार बोरी सीमेंट का अनुरोध किया। वहां मौजूद चंचल ने भी भारत यादव के समर्थन में डीएम से सीमेंट दिलाने की मांग की। इसको लेकर चंचल और डीएम में बातचीत गरमा गई। डीएम ब्लाक मुख्याल से लौटे तो उनके निर्देश पर थाने में चंचल के खिलाफ मुकदमा हो गया।
चंचल का कहना है कि इस मामले में बाद में मामले में समझौता भी हो गया था। इसके बाद भी 40 साल बाद वारंट जारी हो गया। कोर्ट से जारी वारंट के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर दीवानी के पंचम कोर्ट में पेशी किया गया है। बता दें कि चंचल काफी दिनों तक तत्कालीन रेलमंत्री जार्ज फर्नांडिस के निजी सचिव भी रहे। अब कांग्रेस में हैं और फ्रीलांस पत्रकारिता भी करते हैं।